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Loksabha Election 2024: राजनीति में कोई जनाधार नहीं पर पिता के नाम पर मांग रहे हैं वोट ये प्रत्याशी

There is no support base in politics but these candidates are seeking votes in the name of their father

There is no support base in politics but these candidates are seeking votes in the name of their father

Loksabha Election 2024: आगामी आम चुनाव के मद्देनजर इस बार मैदान में कई ऐसे उम्मीदवार मैदान में हैं जो अपने पिता की राजनीतिक विरासत संभालने निकले हुए हैं और जनता के बीच में इनका कोई जनाधार भी नहीं है। इसमें सबसे पहले उम्मीदवार का नाम जो आता है वह इलाहाबाद सीट के BJP प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी हैं। नीरज भाजपा के वरिष्ठ नेता व पश्चिम बंगाल से राज्यपाल रहे पंडित केशरीनाथ त्रिपाठी के पुत्र हैं। ये कभी राजनीतिक क्षेत्र में रहे ही नहीं है बल्कि इन्हें अपने पिता के महत्वता के आधार पर टिकट मिला है।

ऐसा ही मामला कौशांबी से भी है जहां पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र व मछलीशहर संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी प्रिया सरोज भी हैं ये सबसे कम उम्र की प्रत्याशी भी हैं। यह दोनों उम्मीदवार बड़े कॉलेजों से पढ़ाई किए हुए हैं और वहां से निकलते ही सीधे राजनीति के मैदान में आ गए। पर इनके परिवेश से अंदाजा लगाया जाए तो ये राजनीति घराने से होते हुए भी राजनीति से दूर हैं।

अब इन प्रत्याशियों के बैकग्राउंड को जानते हैं…

नीरज त्रिपाठी को टिकट मिलते ही सबके मुख पर बस एक ही बात केशरीनाथ त्रिपाठी का बेटा क्या?

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से BJP प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी के नाम की घोषणा जब भाजपा ने की तो प्रत्येक राजनेता की पहली प्रतिक्रिया यही थी की, कौन नीरज त्रिपाठी.. केशरीनाथ त्रिपाठी का बेटा क्या? अब इससे अब समझ सकते हैं कि टिकट नीरज के दम पर नहीं बल्कि उनके पिता के प्रसिद्धि पर मिला है।

नीरज त्रिपाठी राजनीति में रहे ही नहीं

नीरज त्रिपाठी के संदर्भ में ये बात तो सत्य है कि वे राजनीति में कभी रहे ही नहीं है, पार्टी से उन्हें बेशक टिकट दे दिया गया है पर वे कभी भी किसी आयोजन से शामिल नहीं हुए। वह अपर महाधिवक्ता से सीधे लोकसभा उम्मीदवार के रूप में चुने गए हैं और अब वोटरों के बीच जाकर वे पिता के नाम पर वोट मांग रहे हैं।

पंडित केशरीनाथ त्रिपाठी की पार्टी में ऊँची पहुंच

राजनेता पंडित केशरीनाथ त्रिपाठी का जनवरी 2023 में निधन हो गया था उनकी पार्टी में अच्छी पैंठ थी। वे तीन बार यूपी विधानसभा अध्यक्ष भी बने हैं और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में भी कार्यरत रहे हैं। बता दें कि निवर्तमान भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हों या पार्टी के बड़े नेतागढ़ प्रयागराज यदि आए तो केशरीनाथ से मिलने उनके आवास पर जरूर जाते थे। प्रत्याशी नीरज की पत्नी कविता यादव त्रिपाठी भाजपा महिला मोर्चा में प्रदेश मंत्री हैं लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया।

लंदन से पढ़कर आए तो अखिलेश को भाए पुष्पेंद्र

25 साल के पुष्पेंद्र क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से अकाउंटिंग एंड मैनेजमेंट की शिक्षा पूरी करके राजनीति में एंट्री कर चुके हैं। कौशांबी सुरक्षित लोकसभा सीट से उन्हें सपा ने प्रत्याशी बनाया है। पुष्पेंद्र सपा के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज के बेटे हैं।

1 मार्च 2024 को इन्होंने अपने 25 वर्ष की उम्र को पार किया और सपा ने उन्हें कौशांबी सुरक्षित लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। पर सच तो यह है कि पुष्पेंद्र को क्षेत्र में कोई नहीं जानता, उनकी पहचान केवल उनके पिता से है जिनका नाम लेकर वह जनता से अपने लिए वोट मांग रहे हैं।

पुष्पेंद्र का दो बार निर्वाचित सांसद से है मुकाबला

उम्मीदवार पुष्पेंद्र सरोज का कौशांबी सुरक्षित सीट पर BJP के वरिष्ठ नेता और दो बार से लगातार रहे निर्वाचित सांसद विनोद सोनकर से मुकाबला होना है। पुष्पेंद्र सरोज ने कहा कि, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके सामने कौन चुनाव में खड़ा है.. क्योंकि वह युवा नेता हैं और क्षेत्र की जनता उनके साथ हैं। भले ही मैं राजनीति में अभी नया खिलाड़ी हूं और अपना पहला चुनाव लड़ रहा हूं पर परिवार में शुरू से ही सियासी माहौल में रहा हूं।”

कानून की पढ़ाई, वकालत, अब चुनाव लड़ रहीं प्रिया

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के चुनाव के पहले ही राजनीति से 4 दिन पहले एक नया नाम प्रिया सरोज का नाम जुड़ गया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जौनपुर संसदीय सीट के मछलीशहर लोकसभा सीट से प्रिया को प्रत्याशी बनाया है जिससे सभी लोग चौंक गए।

मछलीशहर क्षेत्र की जनता ये जानना चाहती थी कि ये कौन है और सपा में कब आई जिन्हें प्रत्याशी बनाया गया है? लेकिन यह बात लोगों तक पहुंचने में देर नहीं लगी कि प्रिया, केराकत से सपा विधायक व पूर्व सांसद रहे तूफानी सरोज की बेटी हैं।

मछलीशहर से सपा प्रत्याशी

प्रिया अभी 25 साल की हैं। इन्होंने एयरफोर्स गोल्डन जुबिली इंस्टीट्यूट नई दिल्ली से स्कूली शिक्षा ली है, दिल्ली यूनिवर्सिटी से BA की डिग्री और एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा से LLB की पढ़ाई की है और सीधे सुप्रीम कोर्ट से प्रैक्टिस करना शुरू किया और अब वे मछलीशहर से सपा प्रत्याशी के रूप में राजनीतिक मैदान में हैं। निर्वाचित क्षेत्र में इनकी अपनी कोई पहचान तो नहीं है लेकिन पिता के नाम पर वो वोट मांग रही हैं।

बेटी प्रिया को अपने लिए लकी मानते हैं तूफानी सरोज

वास्तव में, प्रिया सरोज कुल चार बहन व एक भाई के बीच तीसरे नंबर पर हैं। पिता तूफानी सरोज बेटी प्रिया को खुद के लिए बहुत लकी मानते हैं, इसके पीछे कारण भी है। 1998 में प्रिया का जन्म जब हुआ तो वे 1999 में सांसद बने थे, और वे फिर लगातार तीन बार सांसद रहे।वहीं प्रिया के लिए यहां से चुनाव लड़ना आसान नहीं है पर वह पिता के नाम पर वोटरों को अपने पाले में जुटी हुई हैं। यहां से उनका सीधा मुकाबला भाजपा के वर्तमान सांसद बीपी सरोज से होना है।

उल्लेखनीय है कि, प्रिया के पिता तूफानी सरोज वर्ष 2014 के आम चुनाव में मछलीशहर से सपा प्रत्याशी बनाए गए लेकिन वह चुनाव हार गए और तीसरे नंबर पर रहे। ऐसे में अब प्रिया, पिता की हार को जीत में बदलना चाहती हैं।

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