कानपुर में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने ऐलान किया कि पूरे देश में मतदाता सूची का शुद्धिकरण अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के पूरा होने पर न सिर्फ लोगों को अपने चुनाव आयोग पर, बल्कि मुख्य आयुक्त और समाज के ज्ञानेश कुमार पर भी गर्व होगा।
उन्होंने बताया कि अकेले बिहार में अब तक विश्व का सबसे बड़ा वोटर लिस्ट शुद्धिकरण अभियान चलाया गया है। जिस दिन अन्य राज्यों में 51 करोड़ मतदाताओं की सूची का शुद्धिकरण पूरा होगा, वह दिन भी भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक अहम पड़ाव साबित होगा।
ज्ञानेश कुमार आईआईटी कानपुर के फाउंडेशन डे में शामिल होने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि वे अपनी मां के कहने पर इस कार्यक्रम में शामिल हुए क्योंकि मां की आज्ञा उनके लिए सर्वोपरि है। मंच पर उन्होंने अपने छात्र जीवन की यादें साझा करते हुए कहा कि कानपुर में बिताए गए चार साल उनके जीवन के सबसे ऊर्जावान और यादगार साल रहे हैं।
चुनाव आयोग के लिए सब समान: न पक्ष, न विपक्ष
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बिहार चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक दल मतदाताओं से वोट की अपील कर रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग किसी के पक्ष या विपक्ष में नहीं है। आयोग का एकमात्र उद्देश्य पारदर्शी और शांतिपूर्ण चुनाव कराना है।
उन्होंने जानकारी दी कि बिहार चुनाव के पहले चरण का मतदान 6 नवंबर, दूसरे चरण का 11 नवंबर और मतगणना 14 नवंबर को होगी। राज्य में 243 रिटर्निंग ऑफिसर, उतने ही ऑब्जर्वर, जिला कलेक्टर और पुलिस कप्तान तैनात किए गए हैं ताकि चुनाव निष्पक्ष और सुरक्षित माहौल में संपन्न हो सके।
छात्र जीवन की यादें और अधूरा सपना
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि वे बनारस के राजकीय क्वींस इंटर कॉलेज में पढ़े और वहीं से गंगा नदी में तैरना सीखा। आगे चलकर लखनऊ और फिर आईआईटी कानपुर पहुंचे। उन्होंने बताया कि पढ़ाई के दिनों में अमेरिका जाने का सपना था, लेकिन वह पूरा नहीं हो पाया।
उन्होंने हंसते हुए कहा कि मंच पर बैठी उनकी पत्नी अनुराधा ही उनकी ‘होम मिनिस्टर’ हैं। वहीं पिता के जीवन से जुड़ा उल्लेख करते हुए बताया कि वे आगरा के डीएवी कॉलेज में प्रिंसिपल थे और एक समय अंग्रेजों से मतभेद के चलते नौकरी छोड़ दी थी। आज भी आगरा की एत्मादौला की मीनारों के पास उनके दादा का स्कूल संचालित है, जिसे अब उनका बेटा चला रहा है।

