बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने महागठबंधन के समर्थन में कई रैलियां और जनसभाएं की हैं। ऐसे में अखिलेश एनडीए को किसी भी स्तर पर जुबानी हमले करने से नहीं चूक रहे हैं और जमकर हमला कर रहे हैं।
पहले चरण में हुए 65 फीसद मतदान
बिहार में विधानसभा चुनाव का पहला चरण गुरुवार को यानी कल 6 नवंबर 2025 को 121 सीटों पर 65 फीसद के साथ संपन्न हुआ। जो कि बिहार राज्य के चुनावी कार्यकाल में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत है। वहीं इस चुनाव प्रतिशत के आधार पर सपा मुखिया अखिलेश ने बिहार में महागठबंधन के जीत का दावा ठोक दिया है।
अखिलेश यादव ने बिहार में पहले चरण की वोटिंग के बाद मतदान प्रतिशत के आधार पर एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि- चुनाव बेशक अभी आधी सीटों पर हुआ है पर फैसला पूरा आ गया है, बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है। ये इंडिया की एकजुटता और सकारात्मक राजनीति का नया दौर है।
ये नई पीढ़ी की नई सोच है- अखिलेश यादव
सपा प्रमुख ने नई पीढ़ी का जिक्र करते हुए कई दावे किए है। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी इसलिए नई कही जाती है क्योंकि नई पीढ़ी की सोच नई होती है। नई पीढ़ी आने वाले कल पर फोकस करके खुले नजरिये से सोचते और देखते हैं।
नई पीढ़ी मतलब जो पिछली पीढ़ी से अधिक प्रगतिशील हो। जिनकी सोच का दायरा बहुत बड़ा होता है। ये दुनियाभर को न केवल अनुभव करना चाहती हैं बल्कि उसे गले भी लगाना चाहती हैं। ये दोस्ताना व्यवहार के साथ सबको एक साथ लेकर चलने वाली होती हैं।
इनमें भेदभाव के लिए कोई स्थान नहीं
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि नई पीढ़ी का नेचर इंक्लूसिव और एकमोडेटिंग होता है और इसके अंदर भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं होती है। नई पीढ़ी हर धर्म, पंथ, विचार, फिलॉसफी के लिए टालरेंट-सहनशील होती है, इनके विचार फ्लेक्सिबल होते हैं, उनमे वैचारिक लोच होती है।
नई पीढ़ी सबको सुनने के साथ समझना चाहती है, नई पीढ़ी के दिल में सबके लिए सम्मान-प्रेम और मोहब्बत है। नई पीढ़ी सही कहा जाए तो हर बेबस व्यक्ति और जीव-जंतु के लिए अधिक दयालु और करुणा से भरी होती है। नई पीढ़ी बेहद पॉजिटिव होती है और आधुनिकता को अच्छा मानती है क्योंकि मॉडर्निटी नयी दिशा दिखाती है, सोच के लिए नए-नए रास्ते खोजती है।
खुशहाली इनके लिए सबसे ऊपर- अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा कि नई पीढ़ी इंसानियत, बंधुत्व से भरी होती है, इन्हें अमन-चैन और तरक्की पसंद होती है। नई पीढ़ी खुद भी खुश रहना चाहती है और सबको खुश देखना भी चाहती है। इन्हें खुशहाली की अहमियत अच्छे से पता है, इसीलिए दुख देने वालों का विरोध करती है। ये कट्टर विचारों के खिलाफ होती है इसी के साथ ये साम्प्रदायिकता को समाज और अपने वैश्विक विचारों के विस्तार के लिए खतरा मानती है।
इसीलिए नई पीढ़ी उनके खिलाफ होती है जिनकी सोच रूढ़िवादी व संकीर्ण होती और जिनका नजरिया दकियानूसी या बहकावे वाला होता है। वो दुनिया, देश और समाज को बांटने वाले हर एजेंडे और विचारधारा के खिलाफ होते हैं। इसीलिए परंपरागत रूप से जो अपना वर्चस्व बनाये रखना चाहते हैं या दमनकारी लोग होते हैं वो ‘नयी पीढ़ी’ की खुली सोच, जागरूकता, उदय, सकारात्मकता और असीम ऊर्जा से भयभीत रहते हैं क्योंकि सदियों से चली आ रही कमजोरों और वंचितों के उत्पीड़न और शोषण करने की उनकी प्रवृत्ति को नई पीढ़ी अच्छे से जानती है।
परिवर्तन के साथ बदलाव तय- अखिलेश यादव
आज नई पीढ़ी का नया सकारात्मक दौर चल रहा है, ऐसे में परिवर्तन तय है और उसके साथ बदलाव भी। नई पीढ़ी ही नया जमाने के साथ नई मोहब्बत लाएगी… जिसके साथ अमन-चैन, खुशहाली और सबकी तरक्की का नया इतिहास रचा जाएगा।

