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Noida News: नोएडा भूमि अधिग्रहण पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, प्राधिकरण को 10420 वर्गमीटर जमीन का देना होगा मुआवजा

नोएडा के सेक्टर 82 में भूमि अधिग्रहण से जुड़े एक अहम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति नोंगमईकापम कोटिश्वर सिंह की पीठ ने नोएडा प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि वह याचिकाकर्ता को पूरा मुआवजा 5,280 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से प्रदान करे। यह मामला सुनील कुच्छल और उनकी मां मनोरमा कुच्छल से जुड़ा है, जिन्होंने 1985-86 में 11,680 वर्गमीटर जमीन खरीदी थी। कुछ भूमि बेचने के बाद 10,420 वर्गमीटर जमीन बची थी, जो प्राधिकरण द्वारा आंशिक रूप से अधिग्रहित की गई थी।

हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलटा, मालिकों के हक में ऐतिहासिक फैसला

इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जुलाई 2023 में दिए फैसले में कहा था कि याचिकाकर्ता को सिर्फ 2,520 वर्गमीटर जमीन का मुआवजा मिलेगा, जबकि 6,116 वर्गमीटर खाली जमीन वापस कर दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को ग़लत व्याख्या मानते हुए खारिज कर दिया और कहा कि 2016 के हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार पूरी जमीन के लिए या तो मुआवजा दिया जाना चाहिए या जमीन लौटाई जानी चाहिए।

कोर्ट ने कहा– पूरी भूमि के अधिग्रहण की स्थिति में मालिक को उसका लाभ मिलना चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि 6,116 वर्गमीटर की जो भूमि खाली बताई गई है, वह अब नोएडा प्राधिकरण द्वारा विकसित क्षेत्रों से घिरी हुई है और व्यावसायिक उपयोग के लिए उपयुक्त हो चुकी है। इस स्थिति में जमीन मालिक के लिए इसे उपयोग में लाना असंभव है, अतः उसे मुआवजा ही दिया जाना उपयुक्त है।

मुआवजा भुगतान का आदेश: दो सप्ताह में सत्यापन, छह सप्ताह में भुगतान

कोर्ट ने आदेश दिया है कि

● नोएडा प्राधिकरण दस्तावेजों का सत्यापन दो सप्ताह में करे
● और उसके बाद 10,420 वर्गमीटर जमीन के लिए ₹5,280 प्रति वर्गमीटर की दर से मुआवजा छह सप्ताह के भीतर अदा करे

प्राधिकरण द्वारा पेशकश को सुप्रीम कोर्ट ने अस्वीकार किया

प्राधिकरण ने दावा किया था कि

● 2,116 वर्गमीटर जमीन पर मुआवजा दिया जाएगा
● और 6,116 वर्गमीटर खाली जमीन वापस कर दी जाएगी हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने माना कि इस तरीके से 2016 के आदेश का पूर्ण पालन नहीं हुआ और मालिक को संपत्ति के वास्तविक उपयोग का अवसर नहीं दिया गया।

विवाद का सार:

● जमीन खरीदी: 1985-86 में 11,680 वर्गमीटर
● बची जमीन: 10,420 वर्गमीटर
● विवाद: आंशिक अधिग्रहण और मुआवजा की राशि
● हाईकोर्ट का रुख: आंशिक मुआवजा और कुछ जमीन वापस
● सुप्रीम कोर्ट का फैसला: पूरी जमीन का अधिग्रहण मानते हुए मुआवजा का आदेश

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