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Lok Sabha Election 2024: कन्नौज संसदीय से सपा का सस्पेंस जारी, कौन होगा प्रत्याशी

SP's suspense continues from Kannauj Parliamentary, who will be the candidate?

SP's suspense continues from Kannauj Parliamentary, who will be the candidate?

Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश की कन्नौज संसदीय सीट को लेकर एक बार फिर से सस्पेंस दिखने लहा है। सूत्रों की अनुसार इस सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव स्वयं चुनाव लड़ सकते हैं। उल्लेखनीय है कि सपा अध्यक्ष ने यहां से अपनी भतीजे तेज़ प्रताप यादव को इस सीट से मैदान में उतारा था। ऐसे में अब इस नए सस्पेंस के बाद सबकी नजरें नामांकन के आखिरी दिन यानी 25 अप्रैल पर टिक चुकी हैं। माना जा रहा है कि तेजप्रताप के स्थान पर अखिलेश अपना नामांकन भर कन्नौज संसदीय सीट से चुनाव लड़ने के मूड में लग रहे हैं।

बड़े पदाधिकारियों की बैठक

सूत्रों की माने तो आज कन्नौज के बड़े सपा पदाधिकारियों के साथ अखिलेश यादव की बैठक हुई है। जहां सभी ने कन्नौज से तेज प्रताप यादव की उम्मीदवारी को लेकर पुनर्विचार को लेकर अखिलेश से आग्रह किया है। सभी ने एकमत में कहा कि पार्टी अध्यक्ष अपनी परम्परागत सीट को लेकर विचार करें और ख़ुद ही इस सीट से चुनाव लड़ें।

बैठक में अखिलेश ने कहा है कि वो चाचा रामगोपाल और शिवपाल यादव से इस मुद्दे पर बात करेंगे फिर कोई निर्णय लेंगे। वह इस सीट पर इसलिए भी पत्ते नहीं खोल रहे हैं क्योंकि यहां के आं लोगों की अखिलेश के साथ एक अलग तरह का बॉन्ड है जिसके बारे में उन्हें पता है। ऐसे में अखिलेश यादव के कन्नौज सीट से चुनाव लड़ने की चर्चाएं बहुत तेज हैं।

कन्नौज से प्रत्याशी बदलने के आसार

सपा ने बीते सोमवार को ही कन्नौज संसदीय सीट से पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव को टिकट दिया है। वहीं इस लिस्ट में दूसरा नाम सनातन पांडेय का भी है जिन्हें बलिया से भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर के ख़िलाफ़ मैदान में उतारा गया है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार से ही सोशल मीडिया पर कन्नौज से अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा जोरो पर है। हालांकि पार्टी के तरफ से फिलहाल हमें कोई आधिकारिक सूचना प्राप्त नहीं हुई है।

कन्नौज सीट को सपा का गढ़ माना जाता है

कन्नौज सीट सपा का गढ़ है पर, 2019 के आम चुनाव में भाजपा के सुब्रत पाठक ने यहां डिंपल यादव को हारकर बाजी मारी थी। 2024 के आम चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर से सुब्रत पाठक को ही इस टिकट से उतारा है। अगर अखिलेश यादव यहां से मैदान में उतरते हैं तो सुब्रत पाठक की मुश्किलें कई गुना बढ़ जाएंगी और मुकाबला काँटे का हो जाएगा। अभी ऐसा माना जा रहा है कि अखिलेश 25 अप्रैल को यहां से अपना नामांकन भर सकते हैं।

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