Site icon UP की बात

Ghazipur : गाजीपुर में बुलडोजर कार्रवाई पर सपा का विरोध और आंदोलन की चेतावनी

गाजीपुर के जंगीपुर विधानसभा क्षेत्र के बिराइच इनरवा गांव में रक्षा संपदा विभाग की बुलडोजर कार्रवाई ने राजनीतिक रंग पकड़ लिया है। तीन दिनों से जारी इस कार्रवाई में लगभग 100 घर ध्वस्त कर दिए गए हैं, जिनमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने 15 मकान, एक प्राथमिक विद्यालय और एक पंचायत भवन भी शामिल हैं। इस पूरे मामले ने तब तूल पकड़ा जब समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए ट्वीट कर सवाल उठाए। इसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई को फिलहाल रोक दिया।

सपा विधायक डॉ. वीरेंद्र यादव रविवार को अपने समर्थकों के साथ बिराइच इनरवा गांव पहुंचे और उन गरीब परिवारों से मुलाकात की जो इस कार्रवाई के कारण खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि यह जमीन रक्षा संपदा की है, लेकिन पिछले 65 वर्षों से इस जमीन की कोई देखरेख नहीं की गई। जब गरीबों ने अपने परिवार बसाए, तो बिना किसी नोटिस के उन्हें उजाड़ा जा रहा है, जो पूरी तरह अमानवीय है।

डॉ. यादव ने बरसात के मौसम में इस कार्रवाई को घृणित बताया और कहा कि बुलडोजर वाली सरकार केवल गरीबों पर ही कहर बरपा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब यह जमीन रक्षा संपदा की थी, तो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान, विद्यालय और पंचायत भवन कैसे बनाए गए। उन्होंने जिलाधिकारी से क्षेत्र के प्रभावितों के लिए खाने और रहने की व्यवस्था करने की मांग की, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने पर उन्होंने अपनी तरफ से भोजन और तिरपाल की व्यवस्था कराई।

सपा विधायक ने यह भी सवाल किया कि क्या उन अधिकारियों पर कार्रवाई होगी जिन्होंने इन सरकारी योजनाओं को पास किया। उन्होंने सरकार से कहा कि क्षतिपूर्ति की भरपाई तुरंत की जाए। यदि प्रभावित परिवारों को पुनर्वास और नुकसान की भरपाई नहीं की गई तो सपा सड़क से लेकर विधानसभा तक बड़ा आंदोलन करेगी। इस मौके पर उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का धन्यवाद किया, जिनके ट्वीट के बाद प्रशासन ने बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाई।

इस पूरे घटनाक्रम ने इलाके में राजनीतिक और सामाजिक हलचल बढ़ा दी है। सपा इस मामले को विधानसभा सत्र में भी उठाएगी और प्रशासन से मांग करेगी कि वे प्रभावित लोगों को तुरंत राहत मुहैया कराएं। यह मामला न केवल स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि गरीब और हाशिए पर रहने वाले लोग कैसे सरकारी नीतियों और योजनाओं के बीच फंस जाते हैं।

Exit mobile version