जनपद बदायूं के तहसील सहसवान के विकासखंड दहगवां के गांव रामजीत का नगला मै पूरी तरह से बदहाली का शिकार है। गांव की सड़कों पर कीचड़ और जलभराव ने ग्रामीणों का जीवन दूभर बना दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 10 वर्षों से गांव में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ, जिसके चलते हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं।
बरसात के दिनों में स्थिति और गंभीर हो जाती है। कीचड़ और गड्ढों से भरी सड़कें न केवल आम लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही हैं, बल्कि स्कूली छात्रों की पढ़ाई पर भी असर डाल रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चे पढ़ने की बजाय बीमार होकर अस्पताल जाने को मजबूर हो जाते हैं। रास्तों पर भरे गंदे पानी से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है।
नालों के पानी के घरों तक पहुंच जाने से ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। हालत यह है कि बेलगाड़ियां तक गांव में प्रवेश नहीं कर पा रहीं, पैदल चलना तो नामुमकिन ही हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि समस्या को लेकर कई बार शिकायत की गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
गांववालों ने सरकार और प्रशासन से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाए। उनका कहना है कि सड़क निर्माण और जल निकासी की व्यवस्था किए बिना गांव का विकास अधूरा रहेगा। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो ग्रामीण आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
गांव रामजीत का नगला की बदहाली ने एक बार फिर से ग्रामीण विकास योजनाओं की हकीकत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीण अब इंतजार कर रहे हैं कि उनकी आवाज शासन-प्रशासन तक कब पहुंचेगी और उन्हें इस दलदल जैसी जिंदगी से कब निजात मिलेगी।