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Prayagraj: संतों ने निकाली पेशवाई यात्रा, महामंडलेश्वर सहजानंद कर रहे हैं अगवाई

Prayagraj: Saints took out Peshwai Yatra, Mahamandaleshwar Sahajanand is leading it

Prayagraj: Saints took out Peshwai Yatra, Mahamandaleshwar Sahajanand is leading it

गौ माता की रक्षा के लिए और राष्ट्र माता के आसान पर विराजित कराने के संकल्प को लेकर ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती का रामा गौ मंगल प्रवेश शुक्रवार को माघ मेले शिविर से शुरू हो गया है। ऐसे में साधु-संतों ने भव्य पेशवाई निकाली है। जिसमें बड़ी संख्या में संत महात्माओं और अनुयायी सम्मिलित हुए।

तीर्थों के राजा प्रयागराज की पुण्य भूमि पर शंकराचार्य महाराज की पेशवाई का शुभारंभ मेला क्षेत्र के परेड स्थित गंगा सेवा अभियानम के शिविर से हुआ। माघ मेला के दौरान छह फरवरी को प्रस्तावित गौ संसद की भव्य एवं दिव्य झांकी इस पेशवाई का प्रमुख आकर्षण रही है।

धर्मध्वजा फहराते हुए बढ़े संतों के कदम

गौ संसद की झांकी के आगे-आगे संत गोबर गोपाल जी अपनी गाय लेकर चल रहे थे। गौ संसद की झांकी को प्रयागराज की जनता ने न सिर्फ देखा अपितु जनता जर्नादन के बीच यह झांकी चर्चा का विषय भी बन गई। गाय को राष्ट्रमाता बनाने के लिए शंकराचार्य महाराज द्वारा छेड़े गए अभियान की लोग सराहना करते हुए दिखे। साधु-संत, मंडलेश्वर एवं महामंडलेश्वरों ने भी इस झांकी से भावनात्मक रूप से जुड़े दिखे। इस हुजूम की अगुवाई महामंडलेश्वर सहजानंद कर रहे थे। उनके रथ के पीछे अनेक रथ थे जिनपर अनेकानेक संत महात्मा धर्मध्वजा फहराते दिखाई दे रहे थे। एक दर्जन से अधिक बैंडबाजा दल के कलाकारों द्वारा पूरे रास्ते में भक्तिगीतों की धुन बजाई जाती रही।

शंकराचार्य महाराज के गौ मंगल प्रेवश के अवसर पर निकाली गई पेशवाई का आभामंडल संपूर्ण मेला क्षेत्र के लिए कौतूहल का केंद्र बना रहा। रास्ते में जगह-जगह खड़ा भक्तों का हुजूम शंकराचार्य महाराज पर पुष्प वर्षा कर अपनी श्रद्धा निवेदित कर रहा था। शंकराचार्य महाराज का भव्य एवं दिव्य दल पुल संख्या तीन से गुजरते हुए शंकराचार्य शिविर पर समाप्त हुआ।

रूपरेखा क्या है

आपको बता दें कि तीन फरवरी को रामा गौ-गंगा पूजा, चार फरवरी को रामा गौ मेला की परिक्रमा, पांच फरवरी को रामा गौ विद्वत्सभा, रामा गौशाला संचालक सम्मेलन, रामा गौ उत्पाद प्रदर्शनी एवं रामा गौव्रती वैरागी सम्मेलन किया जाएगा। वहीं छह फरवरी को रामा गौ संसद, सात फरवरी को रामा गौ मेलाबंदी निर्धारित है। इसके बाद आठ फरवरी को माघ महात्म्य एवं नौ फरवरी को ‘प्रयाग माहात्म्य’ पर शंकराचार्य महाराज का विशेष प्रवचन होगा। मौनी अमावस्या पर संगम स्नान के बाद वह प्रयागराज से रवाना हो जाएंगे।

पेशवाई में महामंडलेश्वर स्वामी सहजानंद जी, श्रीभगवान जी महाराज,मनकामेश्वर मन्दिर के श्रीधरानंद ब्रह्मचारी जी,संत गोबर गोपाल जी महाराज, स्वामी जगदीशानंदजी, स्वामी ब्रह्मविद्यानंद जी, डॉ. शैलेंद्र योगीराज सरकार के साथ भारी संख्या में साधु संत एवं शंकराचार्य महाराज के अनुयायी सम्मिलित हुए हैं।

क्या होती है पेशवाई

प्रयागराज में कुंभ मेले से पहले जब अखाड़ों के साधु संत दूरदराज इलाकों से आकर कुंभ में अपना डेरा जमा लेते हैं। और उन साधु संतों के लिए अस्थाई छावनियां निर्मित की जाती हैं। जब ये साधु संत छावनीयों से निकलकर अखाड़े में प्रवेश करते हैं तो उस यात्रा को ही पेशवाई कहा जाता है।

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