नोएडा प्राधिकरण ने बकाया राशि जमा न करने वाले 43 बिल्डरों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। इन सभी को रिमाइंडर नोटिस जारी किए गए हैं। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने बताया कि बिल्डरों को बकाया जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2025 निर्धारित की गई थी, जो अब समाप्त हो चुकी है। ऐसे बिल्डरों पर अब रिकवरी सर्टिफिकेट (RC) जारी करने की तैयारी की जा रही है।
शासन के निर्देश मिलते ही राहत पैकेज वापस
सीईओ ने बताया कि जिन बिल्डरों ने अभी तक भुगतान नहीं किया है, उनके खिलाफ राहत पैकेज वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि शासन से बोर्ड मिनट्स प्राप्त होते ही इन 43 बिल्डरों को दी गई राहत वापस ली जाएगी। जिन परियोजनाओं में बकाया भुगतान नहीं हुआ है, उन पर वसूली कार्रवाई की जाएगी।
अमिताभ कांत समिति की सिफारिश पर मिला था राहत पैकेज
प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, बिल्डरों को दी गई राहत अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के तहत दी गई थी।
21 दिसंबर 2023 को यूपी सरकार ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया था। इसके तहत प्राधिकरण ने पहले चरण में 57 बिल्डर परियोजनाओं को शामिल किया था, जिनका कोई मामला न्यायालय में लंबित नहीं था।
मार्च-अप्रैल 2024 से कुछ बिल्डरों ने बकाया राशि जमा करना शुरू किया था, लेकिन कई बिल्डरों ने अब तक भुगतान पूरा नहीं किया।
5.5 हजार करोड़ रुपए का बकाया, कई बिल्डरों ने नहीं दी किस्तें
नोएडा प्राधिकरण के मुताबिक, इन 57 परियोजनाओं पर कुल 5,500 करोड़ रुपए का बकाया है।
इनमें से 35 बिल्डरों ने केवल 25% राशि जमा की है, जिसके बाद उन्होंने आगे की किस्तें नहीं दीं।
वहीं 12 परियोजनाओं के बिल्डरों ने आंशिक भुगतान किया है और 10 बिल्डरों ने अब तक एक भी रुपया जमा नहीं किया।
अधिकारियों के अनुसार, जिन डेवलपर्स पर 100 करोड़ रुपए तक का बकाया था, उन्हें एक साल के भीतर पूरी राशि जमा करनी थी, लेकिन अधिकांश ने समयसीमा का पालन नहीं किया।
बोर्ड बैठक में लिया गया था कड़ा निर्णय
इस महीने हुई नोएडा प्राधिकरण बोर्ड बैठक में चेयरमैन दीपक कुमार ने आदेश दिया था कि बिल्डरों को बकाया जमा करने के लिए 31 अक्टूबर तक अंतिम मौका दिया जाए। निर्धारित समय सीमा के भीतर भुगतान न करने वालों को दी गई सभी राहतें रद्द कर दी जाएंगी।
राहत पैकेज के तहत बिल्डरों को
- कोविड काल के दौरान दो वर्ष का जीरो पीरियड,
- और एनजीटी आदेशों के तहत अतिरिक्त जीरो पीरियड का लाभ दिया गया था।
- अब प्राधिकरण इन राहतों को वापस लेने की दिशा में आगे बढ़ चुका है
अब वसूली की तैयारी, नहीं मिलेगा कोई नया विस्तार
नोएडा प्राधिकरण का कहना है कि इस बार बिल्डरों को कोई अतिरिक्त समय सीमा नहीं दी जाएगी। शासन स्तर से निर्णय आते ही संबंधित बिल्डरों पर आरसी जारी कर वसूली शुरू की जाएगी।
प्राधिकरण का यह कदम उन हजारों फ्लैट खरीदारों के लिए राहत लेकर आ सकता है, जो वर्षों से अपने घरों की हैंडओवर प्रक्रिया में देरी का सामना कर रहे हैं।

