नोएडा प्राधिकरण की दो महत्वाकांक्षी परियोजनाएं—भंगेल एलिवेटेड रोड और सेक्टर 96 में प्रशासनिक भवन—अब अपने अंतिम चरण में हैं और आगामी दो महीनों में जनता के लिए खोल दी जाएंगी। इन परियोजनाओं का उद्देश्य एक ओर जहां नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच यातायात सुगमता को बढ़ाना है, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक सेवाओं को एक ही परिसर में केंद्रीकृत करना है।
5.5 किलोमीटर लंबी यह एलिवेटेड रोड दादरी-सूरजपुर-छलेरा (DSC) मार्ग पर अगाहपुर से सेक्टर-110 तक बनाई जा रही है। शुरुआत में इस परियोजना की लागत 468 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 608 करोड़ रुपए हो गई है। यह छह लेन का कॉरिडोर नोएडा स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (NSEZ) से होकर गुजरेगा और वाहन चालकों को भीड़भाड़ वाले इलाकों—जैसे छलेरा, बरौला और भंगेल—से बचाएगा।
निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। बरौला क्रॉसिंग पर स्टील गर्डर और डेक स्लैब का काम एक महीने में पूरा होने की उम्मीद है। परियोजना को समय से पूरा करने के लिए ट्रैफिक डायवर्जन पहले ही लागू कर दिया गया है।
2013 से अब तक कई बार बदली डेडलाइन, बढ़ा बजट
इस परियोजना की योजना 2013 में बनी थी, जिसे 2020 में लॉन्च किया गया और दिसंबर 2022 तक पूरा किया जाना था। फिर इसे दिसंबर 2023 और अब 31 दिसंबर 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। निर्माण के दौरान दो इमारतों के कारण 90 मीटर हिस्से की चौड़ाई कम करनी पड़ी। यही कारण है कि तकनीकी चुनौतियों के साथ बजट भी बढ़ा।
सेक्टर 96 में प्रशासनिक भवन: सभी सेवाएं एक छत के नीचे
नोएडा प्राधिकरण का नया मुख्यालय सेक्टर 96 में तैयार हो रहा है, जो लगभग 6 एकड़ में फैला है। इसमें दो टावर होंगे और प्राधिकरण के सभी विभाग एक ही स्थान पर संचालित होंगे। ग्राउंड फ्लोर पर सीईओ का कार्यालय तथा ऊपरी मंजिलों पर अन्य विभागीय कार्यालय होंगे।
यह परियोजना 2009 में प्रस्तावित हुई थी, निर्माण 2015 में शुरू हुआ और अब इसे दो महीनों में पूरा किया जाना है। इसकी लागत 478 करोड़ से घटाकर 304 करोड़ की गई है, जो डिज़ाइन में बदलाव और स्ट्रक्चर ऑडिट के कारण हुआ।
डिज़ाइन खामियों और देरी ने बढ़ाई चुनौती
निर्माण कार्य आधिकारिक रूप से जनवरी 2016 को शुरू हुआ और जनवरी 2019 तक इसे पूरा किया जाना था। लेकिन घटिया गुणवत्ता और 451 दिन की देरी के कारण पहले ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। बाद में यह काम अक्टूबर 2022 में नए ठेकेदार को सौंपा गया। IIT दिल्ली द्वारा किए गए स्ट्रक्चरल ऑडिट में डिजाइन की त्रुटियां सामने आने पर उसे सुधारा गया और इसी के चलते लागत भी कम करनी पड़ी।
प्रशासन को मिलेगी नई ऊर्जा: सीईओ
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने कहा कि “भंगेल एलिवेटेड रोड और प्रशासनिक मुख्यालय दोनों ही परियोजनाएं शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को नई दिशा देंगी। इससे यातायात में सुविधा के साथ-साथ नागरिकों को प्रशासनिक सेवाएं एक ही जगह पर मिल सकेंगी।”