बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के शुरुआती रुझानों में एनडीए भारी बढ़त हासिल करता दिखाई दे रहा है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार एनडीए 190 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि महागठबंधन 49 सीटों और अन्य दल 4 सीटों पर आगे हैं। अगर ये रुझान अंतिम नतीजों में बदलते हैं, तो एनडीए बिहार की राजनीति में नया इतिहास रच सकता है।
महिलाओं ने रिकॉर्ड वोटिंग कर किया माहौल अपने पक्ष में
चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार बिहार में दोनों चरणों में कुल मतदान 66.91% दर्ज किया गया। सबसे खास बात यह रही कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने ज्यादा संख्या में मतदान किया।
- महिला मतदान प्रतिशत – 71.6%
- पुरुष मतदान प्रतिशत – 62.8%
महिलाओं ने पुरुषों से करीब 10% ज्यादा मतदान किया, जो यह संकेत देता है कि इस बार महिला मतदाताओं ने चुनाव परिणाम को निर्णायक रूप से प्रभावित किया। एग्जिट पोल भी पहले ही बता चुके थे कि महिलाओं, ओबीसी और ईबीसी वोटरों का झुकाव एनडीए की ओर मजबूत रहा।
जीविका दीदी योजना बनी बड़ा सियासी फैक्टर
चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार सरकार ने महिलाओं को आर्थिक मजबूती देने के लिए जीविका दीदी योजना शुरू की थी।
इस योजना के तहत:
- 1.30 करोड़ महिलाओं को
- 10-10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 सितंबर को इस योजना की शुरुआत की, जबकि 3 अक्टूबर को 25 लाख नई महिलाओं को भी लाभ दिया गया। इस योजना ने ग्रामीण और गरीब वर्ग की महिलाओं में एनडीए के प्रति मजबूत विश्वास पैदा किया, जो रुझानों में स्पष्ट दिख रहा है।
शराबबंदी ने बढ़ाया महिलाओं का भरोसा
नीतीश कुमार द्वारा बिहार में लागू की गई पूर्ण शराबबंदी महिलाओं के बीच लंबे समय से लोकप्रिय रही है। परिवारिक हिंसा और सामाजिक समस्याओं में कमी आने से महिला मतदाताओं ने नीतीश कुमार को अपना मजबूत समर्थन दिया। इसी वजह से उन्हें राजनीतिक विश्लेषकों ने महिलाओं का “लाडला नेता” कहा है।
साइकिल योजना बनी दीर्घकालिक गेमचेंजर
नीतीश कुमार की 2006 में शुरू की गई मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना लंबे समय में महिलाओं पर सबसे सकारात्मक प्रभाव डालने वाली योजनाओं में से एक साबित हुई। इस योजना के तहत स्कूली छात्राओं को साइकिल और पोशाक दी जाती है, जिससे लाखों लड़कियों ने अपनी पढ़ाई जारी रखी।
यह योजना लड़कियों को न सिर्फ शिक्षा से जोड़ी, बल्कि सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर भी बनाया। यही कारण है कि 2025 के चुनाव में युवा महिला मतदाताओं ने एक बार फिर नीतीश कुमार पर अपना भरोसा दिखाया।
रुझान क्या संकेत दे रहे हैं…
रुझान साफ संकेत दे रहे हैं कि इस बार बिहार की महिला मतदाताओं, ओबीसी और ईबीसी ने चुनाव की दिशा तय कर दी है। नीतीश कुमार की वर्षों से चलाई गई महिला-केंद्रित योजनाओं का असर अब पूरी मजबूती से दिख रहा है। यदि अंतिम नतीजे भी इसी दिशा में गए, तो एनडीए बिहार में रिकॉर्ड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर सकती है|

