बीजेपी में नई नियुक्तियों- पंकज चौधरी (यूपी बीजेपी अध्यक्ष) और नितिन नबीन (राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष)- के बाद सियासत गर्म हो गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे सीधा PDA समाज का अपमान करार देते हुए पाँच सवाल पूछकर बड़ा राजनीतिक दांव खेला है।
अखिलेश यादव का सवाल- “5 बड़ा या 7?”
अखिलेश ने एक्स (Twitter) पर लिखा: “5 बड़ा या 7? विधायक बड़ा या सांसद? राज्य बड़ा या केंद्र? राज्य सरकार का मंत्री बड़ा या केंद्र का मंत्री?” फिर उन्होंने निशाना साधते हुए पूछा- “अगर नितिन नबीन 5 बार के विधायक हैं तो उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष कैसे बनाया जा रहा है, जबकि 7 बार के सांसद पंकज चौधरी को राज्य इकाई का अध्यक्ष?”
अखिलेश का आरोप-PDA समाज को सीमित रखने की रणनीति
सपा अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी के पास इस नियुक्ति का कोई तर्क नहीं है। उनका दावा है कि:
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पंकज चौधरी (कुर्मी समुदाय) से आते हैं
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नितिन नबीन (कायस्थ समुदाय) से आते हैं
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इसके पीछे बीजेपी का सामाजिक संदेश PDA समाज को नियंत्रित करने की कोशिश है
अखिलेश ने लिखा: “प्रभुत्ववादी भाजपाई संदेश देना चाहते हैं कि PDA समाज का व्यक्ति कितना भी काबिल हो, वह वर्चस्ववादियों से आगे नहीं बढ़ सकता।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि- “बीजेपी का अपमान अब PDA समाज नहीं सहेगा। अब अपनी PDA सरकार बनाएगा और सम्मान वापस लेगा।”
बीजेपी नियुक्ति का सामाजिक और राजनीतिक गणित
1. नितिन नबीन
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बांकीपुर (पटना) से 5 बार के विधायक
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बिहार सरकार में सड़क निर्माण मंत्री
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कई विश्लेषकों के अनुसार, वे जेपी नड्डा के बाद संभावित राष्ट्रीय अध्यक्ष हो सकते हैं
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कायस्थ समुदाय को राष्ट्रीय स्तर पर साधने का प्रयास
2. पंकज चौधरी
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महाराजगंज से 7 बार के सांसद
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कुर्मी जाति में प्रभावशाली चेहरा
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यूपी में ओबीसी वोटर्स, विशेष रूप से कुर्मी समुदाय को साधने की रणनीति के तहत नियुक्ति
यही तुलना अखिलेश यादव ने अपने “5 बनाम 7” के राजनीतिक सवाल में उठाई है।
अखिलेश का राजनीतिक दांव कितना असरदार?
यह बयान-
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बीजेपी की जातीय राजनीति को निशाने पर लेता है
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PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) रणनीति को और मजबूत करता है
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ओबीसी वर्ग, खासकर कुर्मी वोट बैंक में असर डालने की कोशिश है
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अखिलेश यादव ने एक साधारण गणितीय सवाल को राजनीतिक प्रतीकवाद में बदलते हुए बीजेपी पर तीखा हमला बोला है।

