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Chandauli : खनन अधिकारी पर गिट्टी लदे ट्रकों से अवैध वसूली का आरोप, मुकदमा दर्ज

चंदौली जिले के सकलडीहा कोतवाली क्षेत्र में खनन विभाग से जुड़े एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें खनन अधिकारी गुलशन कुमार समेत पांच लोगों के खिलाफ गिट्टी लदे ट्रकों से अवैध वसूली के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। इस कार्रवाई के बाद खनन विभाग में हड़कंप मच गया है और प्रशासनिक हलकों में भी चर्चा का विषय बन गया है।

घटना 17 जून की रात की है, जब खनन अधिकारी गुलशन कुमार ने अपने दल के साथ सकलडीहा क्षेत्र में गिट्टी से लदे चार ट्रकों को रोककर जांच की थी। इस चेकिंग अभियान के दौरान ट्रक चालकों और खनन अधिकारी के साथ आए अन्य व्यक्तियों के बीच कहासुनी हो गई थी। इसके बाद दो ट्रकों का चालान कर दिया गया, जबकि अन्य दो ट्रकों से कथित रूप से दबाव बनाकर दो लाख रुपये वसूले जाने का आरोप लगाया गया है।

इस पूरे प्रकरण की जानकारी सार्वजनिक होते ही संबंधित ट्रक मालिकों और चालकों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन से न्याय की मांग की। पीड़ित पक्ष की शिकायत पर सकलडीहा कोतवाली में गुलशन कुमार समेत पांच लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।

एफआईआर दर्ज होते ही खनन विभाग में खलबली मच गई है। एक ओर जहां विभाग की साख पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अधिकारी जांच से बचने की रणनीति अपनाने में लगे हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

खनन क्षेत्र से जुड़े मामलों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन इस प्रकार की घटनाएं पूरे तंत्र की साख को धूमिल करती हैं। खनन अधिकारी पर लगे आरोप न केवल भ्रष्टाचार को उजागर करते हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि किस प्रकार कुछ अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि खनन विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायतें पहले भी आती रही हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अक्सर मामले दबा दिए जाते हैं। इस बार पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से उम्मीद जगी है कि दोषियों को सजा मिलेगी और ऐसे मामलों पर अंकुश लगेगा।

सकलडीहा पुलिस द्वारा की जा रही जांच में अब यह देखा जाएगा कि ट्रकों से वसूली के आरोप सही हैं या नहीं, और क्या वास्तव में अधिकारी ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया है। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपों की बारीकी से जांच की जाएगी और संबंधित लोगों से पूछताछ भी होगी।

कुल मिलाकर, यह मामला न केवल स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि यदि समय पर कार्रवाई न की जाए तो भ्रष्टाचार जैसी घटनाएं आम हो सकती हैं। अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी पारदर्शिता और निष्पक्षता से जांच कर पाती है। जनता को उम्मीद है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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