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Loksabha Election 2024: आइए आज घोसी संसदीय सीट के बारे में जानते हैं?

Loksabha Election 2024: Let's know about Ghosi parliamentary seat today

Loksabha Election 2024: Let's know about Ghosi parliamentary seat today

घोसी संसदीय सीट उत्तर प्रदेश राज्य के मऊ ज़िले में स्थित है और यहां से एक-एक नगर एवं लोकसभा का प्रतिनिधि को चुना जाता है। यह संसदीय सीट मऊ से लगभग 20 किलोमीटर उत्तर में बसा हुआ है।

घोसी लोकसभा का संसदीय इतिहास

घोसी उत्तर प्रदेश राज्य के मऊ जिले के तहत आज़मगढ़ मंडल के अंतर्गत आता है। यह जिला मुख्यालय मऊ से 24 किलोमीटर उत्तर में स्थित है और यह एक ब्लॉक मुख्यालय है। घोसी लोकसभा क्षेत्र के तहत मधुबन, घोसी, महमूदाबाद गोहना, मऊ और रसरा नामक पांच विधानसभा सीटें सम्मिलित हैं। यहां 1957 मे हुए पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पहले सांसद उमराव सिंह ने विजय प्राप्त की थी।

इसके बाद लगातार 1962, 1967 और 1971 में CPI के जय बहादुर सिंह और झारखण्डे राय ने कांग्रेस को मात दिया था। फिर 1977 में जनता पार्टी के शिवराम राय ने यहां से अपना खाता खोला। लेकिन 1980 में फिर CPI के झारखण्डे ने शिवराम से अपनी पिछली हार का बदला ले लिया। 1999 में बसपा के बालकृष्‍ण, 2004 में सपा के चंद्रदेव प्रसाद राजभर और 2009 में बसपा के दारा सिंह चौहान ने यहां से अपने जीत को सुनिश्चित किया।

उत्तर प्रदेश के घोसी में लोकसभा सीट पर 2014 में हुए आम चुनाव में भाजपा के हरिनारायण राजभर ने जीत दर्ज की थी। उन्‍हें इस आम चुनाव में 3,79,797 वोट मिले थे। 2,33,782 वोटों के साथ बसपा के दारा सिंह चौहान दूसरे नम्‍बर पर रहे थे।

2019 में घोसी का क्या रहा परिणाम

घोषी से 2019 में बीएसपी सपा पार्टी से उम्मीदवार अतुल कुमार सिंह उर्फ अतुल राय ने जीता था। उन्हें इस सीट पर 573,829 वोट मिले थे जो कि कुल वोट प्रतिशत का 50.54 फीसद था। वहीं दूसरे नंबर पर भाजपा के हरिनारायण रहे जिन्हें 451,261 वोट मिले जो कि कुल वोट प्रतिशत का 39.74 फीसद था।

2024 में कौन हैं यहां से प्रत्याशी

भाजपा प्लस प्रत्याशी के रूप में अरविंद राजभर (SBSP) इस बार भाजपा के तरफ से प्रत्याशी बनाए गए हैं।
सपा प्लस गंठबंधन की तरफ से राजीव राय को यहां से उम्मीदवार बनाया गया है।
बीएसपी की तरफ से अभी फिलहाल किसी भी चेहरे को इस सीट से नहीं उतारा गया है।

अतुल कुमार सिंह के बारे में

घोसी सीट से बहुजन समाज पार्टी के 2019 में बने सांसद अतुल कुमार सिंह उर्फ अतुल राय का आधा से ज्यादा कार्यकाल जेल में बीता है। निर्वाचित होने के छह महीने बाद अतुल राय ने जेल में रहते हुए पैरोल पर लोकसभा सदस्य के रूप में सदस्यता ग्रहण की थी।

वहीं वर्ष 2000 में माफिया मुख्तार अंसारी के संपर्क में आने के बाद अतुल राय ने डीएलडब्ल्यू (अब बरेका) में ठेका, मोबाइल टॉवर में तेल की सप्लाई, पीडब्ल्यूडी के ठेके के साथ-साथ जमीन के धंधे में खूब हाथ फैलाया और मुख्तार का साथ होने के चलते उसकी जरायम जगत में गहरी जान-पहचान हो गई थी। अवस्था यह था कि बनारस से लेकर गाजीपुर तक किसे कौन सा काम करना है, यह राय द्वारा निर्धारित होता था। पर समय के साथ धीरे-धीरे अतुल की महत्वाकांक्षाएं भी बढ़ती गई और वह राजनीति के मैदान में आ गए। फिर 2017 में बसपा के टिकट पर जमानिया विधानसभा का चुनाव लड़े और हार का सामना करना पड़ा।

फिर वर्ष 2019 में, वे 17वीं लोकसभा में घोसी, उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए संसद सदस्य के रूप में चुने गए। उनके पास तेरह आपराधिक रिकॉर्ड और 34,54,591 रुपये की वित्तीय देनदारी है। अतुल कुमार सिंह को अतुल राय के नाम से भी पहचाना जाता है।

घोसी का जातीय समीकरण

घोसी लोकसभा सीट की जातीय समीकरण को जाने तो यहां कुल 15,93,008 वोटर्स हैं। जिसमें दलितों की संख्या साढ़े चार लाख, राजपूत 68 हजार, विश्वकर्मा 35 हजार, मुस्लिम 2 लाख 42 हजार, वैश्य समाज के वोटरों की संख्या करीब 77 हजार, भूमिहार 35 हजार, यादव 1 लाख 75 हजार, मौर्या करीब 40 हजार, प्रजापतियों की संख्या 29 हजार, चौहान करीब डेढ़ लाख, ब्राम्हण 58,000 और राजभर करीब 1,25,000 व निषाद 37 हजार के करीब हैं।

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