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Loksabha Election 2024: नेहरू के हॉट सीट कहे जाने वाले फूलपुर लोकसभा सीट के बारे में आइए जानते हैं

Let us know about Phulpur Lok Sabha seat, which is called Nehru's hot seat

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भारत के आजादी के बाद और 1952 के आम चुनाव से पहले फूलपुर सीट इलाहाबाद ईस्ट कम जौनपुर वेस्ट के नाम से जानी जाती थी। यहां से देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1952 में चुनाव लड़ा था और वे 1957 और 1962 में भी इस सीट से जीते थे। उनके मृत्यु के बाद 1964 के उपचुनाव में उनकी बहन विजय लक्ष्मी पंडित इस सीट से विजयी हुई। 1969 में हुए उपचुनाव में जनेश्वर मिश्र विजयी हुए। 1971 में इंदिरा गांधी ने जनेश्वर मिश्र के खिलाफ विश्वनाथ प्रताप सिंह को उतारा और वे यहां से जीते। 1977 में भारतीय लोकदल की कमला बहुगुणा विजयी हुई थी।

फूलपुर सीट का इतिहास

भारत के आजादी के बाद और 1952 के आम चुनाव से पहले फूलपुर सीट इलाहाबाद ईस्ट कम जौनपुर वेस्ट के नाम से जानी जाती थी। यहां से देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1952 में चुनाव लड़ा था और वे 1957 और 1962 में भी इस सीट से जीते थे। उनके मृत्यु के बाद 1964 के उपचुनाव में उनकी बहन विजय लक्ष्मी पंडित इस सीट से विजयी हुई। 1969 में हुए उपचुनाव में जनेश्वर मिश्र विजयी हुए। 1971 में इंदिरा गांधी ने जनेश्वर मिश्र के खिलाफ विश्वनाथ प्रताप सिंह को उतारा और वे यहां से जीते। 1977 में भारतीय लोकदल की कमला बहुगुणा विजयी हुई थी।

इसके बाद फूलपुर से सांसदों के चेहरे और पार्टियां अस्थाई रही। इसके बाद 2004 में बाहुबली अतीक अहमद ने इस सीट पर विजय प्राप्त की। 2009 में बसपा उम्मीदवार कपिल मुनी करवरिया को जीत मिली तो वहीं 2014 के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार केशव प्रसाद मौर्या को यहां से जीत मिली। वह पांच लाख से अधिक मतों से जीते थे। पहली बार भाजपा के खाते में फूलपुर की सीट गई थी, लेकिन 2018 में हुए उपचुनाव में सपा प्रत्याशी नागेंद्र पटेल विजयी हुए। इसके बाद भाजपा ने 2019 के चुनाव में इस सीट को फिर से अपने झोली में कर लिया। और यहां से केसरी देवी पटेल ने अपने जीत को पक्का किया।

आपको बता दें कि डेमोग्राफी रूप से इस संसदीय क्षेत्र में चार विधानसभा क्षेत्र आते है। यहां कुल 1975219 वोटर हैं। जिसमें पुरुषों की संख्या 1083213 और महिलाओं की संख्या 891797 हैं। इसमें शहर का दो तिहाई हिस्सा और गंगापार का क्षेत्र आता है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय, एमएनएनआइटी जैसे प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान और आनंद भवन जैसे ऐतिहासिक स्थल इस संसदीय क्षेत्र में आते हैं। विकास और स्थानीय मुद्दे कुंभ के चलते विकास के काफी अधिक काम हुए हैं। रेलवे ओवरब्रिज, अंडरब्रिज और बड़े पैमाने पर सड़कों के चौड़ीकरण, हाइवे निर्माण और सौंदर्यीकरण का काम हुआ है।

केशरी देवी पटेल के बारे में

केशरी देवी पटेल उत्तर प्रदेश की एक राजनीतिक नेता और भारतीय जनता पार्टी की सदस्य हैं। वह उत्तर प्रदेश के फूलपुर लोकसभा क्षेत्र से निवर्तमान सांसद हैं। उनका जन्म 1 जनवरी, 1957 को उत्तर प्रदेश के दबवा खंडेहा में उनके माता-पिता, हनुमान दास सिंह और धनपति देवी के घर हुआ था। उन्होंने मध्य प्रदेश के रीवा में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय से कला में एमए पूरा किया।

केशरी देवी पटेल का करियर की शुरुआत तब हुई जब फूलपुर की सामुदायिक विकास परियोजनाओं और जमीनी स्तर की गतिविधियों में शामिल हुईं। मुख्यधारा की राजनीति में उनका प्रवेश स्थानीय चिंताओं से निपटने और लोगों के कल्याण के लिए लड़ने की अटूट तत्परता के कारण समुदाय के समर्थन से संभव हुआ।

कौन किस नंबर पर रहा 2019 में

भाजपा की केशरी देवी पटेल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 544,701 वोटों और 56.13 प्रतिशत के प्रथम स्थान पर रहीं। वहीं एसपी के पंढरी यादव को 372,733 और 38.41 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान रहे वहीं कांग्रेस के पंकज पटेल 32,761 वोटों और 3.38 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

इस बार फूलपुर सीट से कौन-कौन लड़ रहा है

बीजेपी की बात करें, तो उम्मीदवारों की लिस्ट में सबसे पहला नाम केशव प्रसाद मौर्य का चल रहे हैं। इस सीट पर कुर्मी और ओबीसी मतदाता ज्यादा हैं। इसलिए केशव प्रसाद मौर्य को इस सीट से प्रबल दावेदार माना जा रहा है। फिलहाल केशरी देवी पटेल यहां से सांसद हैं लेकिन इस बार वे वेटिंग लिस्ट में चल रही हैं इसी के साथ उनके बेटे दीपक भी लाइन में है। वहीं ये सीट बीजेपी अपना दल(एस) को यदि देती है तो नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल को टिकट मिल सकता है। अन्य पार्टियों के बारे में देखें तो सपा की तरफ से धर्मेंद्र यादव का नाम बहुत चर्चा में है और विपक्षी गठबंधन की बात करें तो पल्लवी पटेल का नाम काफी आगे चल रहा है।

फूलपुर की खास बातें

फूलपुर, इलाहाबाद से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां का रेलवे स्टेशन वाराणसी को गोरखपुर से जोड़ती है। यहां पर आबादी अधिक है। यहां पर स्टेशन के करीब सामने एक पुराना रानी का महल स्थित है। यहां से इलाहाबाद की तरफ लगभग 12 किलोमीटर दूरी पर दिल्ली कोलकाता हाईवे बाईपास भी है। वहीं इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड कंपनी भी यही है। द न्यू यमुना ब्रिज, इलाहाबाद म्यूजियम यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल में गिने जाते हैं। शैक्षिण संस्थानों में इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी प्रमुख शैक्षिण संस्थान है।

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