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Loksabha Election 2024: दुनिया के 7वें अजूबे ताजमहल के संसदीय सीट आगरा के बारे में आइए जानते हैं

Let us know about Agra, the parliamentary seat of the 7th wonder of the world Taj Mahal

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उत्तर प्रदेश का आगरा लोकसभा पूरे विश्व में विख्यात है। यहीं से सत्यपाल सिंह बघेल 2019 लोकसभा चुनाव में चुन कर आए थे। वहीं इस बार भी भाजपा पार्टी ने एक बार फिर बघेल पर भरोसा जताते हुए यहां से उन्हें टिकट देकर अपना प्रत्याशी घोषित किया है।

आगरा के संसदीय क्षेत्र का इतिहास

मुगल काल में राजधानी रहा आगरा और यहां बना ताजमहल विश्व विख्यात है। वहीं आजादी से लेकर आपातकाल तक कांग्रेस का ही राज रहा है। बता दें कि वर्ष 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के प्रत्‍याशी शंभुनाथ चतुर्वेदी ने कांग्रेस के नेता सेठ अचल सिंह को हराया था। उसके बाद हुए मध्‍यावधि चुनाव में कांग्रेस प्रत्‍याशी और पूर्व सांसद सेठ अचल सिंह के पुत्र निहाल सिंह जैन ने कांग्रेस और परिवार की विरासत को फि‍र से पाले में कर लिया। वर्ष 1989 में भाजपा-जनतादल के संयुक्‍त प्रत्‍याशी अजय सिंह ने जीत दर्ज की और उसके बाद से यहां से कांग्रेस का वर्चस्‍व समाप्‍त होता चला गया।

यमुना नदी के किनारे बसी ये लोकसभा सीट आलू, बाजरा के लिए प्रसिद्ध है। इसी के साथ यहां पेठा, जूता, लैदर गुड्स उद्योग, हैंडीक्राफ्ट प्रमुख कारोबार हैं। स्थानीय मुद्दे, यमुना स्‍वच्‍छता और जल संकट यहां के प्रमुख समस्याएं है। तीन विधानसभा शहर में आती हैं। यहां बैराज, एयरपोर्ट, हाईकोर्ट बेंच का मुद्दा भी महत्वपूर्ण है। दक्षिण, उत्तरी, छावनी, एत्मादपुर, जलेसर एटा जिले विधानसभा क्षेत्र हैं।

आगरा की खास बातें

आगरा, उत्तर प्रदेश के प्रमुख लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में से एक है। और ये आगरा का किला और स्वामी बाग आगरा की पहचान है। यह यमुना नदी के किनारे बसा हुआ है। आगरा उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। वहीं आगरा का इतिहास मुख्य रूप से मुगल काल से जाना जाता है। जिसे सिकंदर लोदी ने सन् 1506 ई. में बसाया था। ये मुगल साम्राजय की मनपसंद जगह थी। आगरा मुग़लकालीन इमारतों जैसे ताज महल, लाल किला, फ़तेहपुर सीकरी, एतमादुद्दौला का मकबरा पर्यटन स्थल की वजह से भी प्रसिद्ध है। ये तीनों इमारतें यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की सूची में आती हैं।

इसी के साथ आगरा में जूते का कारोबार और लैदर से जुड़े काम बड़े पैमाने पर होते हैं और आगरा का पेठा काफी प्रसिद्ध है। आगरा यूनिवर्सिटी यहां की सबसे प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी है। इसके साथ-साथ आगरा कॉलेज, बैकुंठी कॉलेज यहां के दो प्रमुख कॉलेजो में आते हैं।

2019 के क्या रहे परिणाम

आगरा से, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल ने बाजी मारी थी। उन्हें यहाँ से 646,875 वोट मिला जो कि कुल वोटों का 56.77 फीसद है। वहीं दूसरे नंबर पर बीएसपी के प्रत्याशी मनोज कुमार सोनी को 435,329 वोट प्राप्त हुए जो कि कुल वोट प्रतिशत का 38.2 फीसद है। वहीं इस बार फिर से जीत की चाह में भाजपा ने बघेल को इस सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है। जिसके लाभ का साथ-साथ कई राजनीतिक फायदे भी हैं।

प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल के बारे में

एसपी सिंह बघेल का जन्म 21 जून, 1961 को हुआ। उनके पिता रामभरोसे सिंह मध्य प्रदेश पुलिस विभाग में कर्मचारी थे। एसपी सिंह बघेल का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित यशवंतराव होल्कर अस्पताल में हुआ था। पिता रामभरोसे का खरगौन से रिटायर होने का बाद वे मध्य प्रदेश में ही रहे इसलिए प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक सभी जरूरी शिक्षाएं मध्य प्रदेश में ही संपूर्ण हुई। उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा में सब इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती होने के बाद एसपी सिंह बघेल को पहली अहम जिम्मेदारी तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के सुरक्षागार्ड के रूप में मिली थी।

इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर के रूप में तैनात रहे। बाद में एसपी बघेल 1989 में मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी सुरक्षा में शामिल हो गए। इसके बाद उन्होंने अपनी निडरता, मेहनत और ईमानदारी के दम पर मुलायम सिंह यादव का भी दिल जीत लिया। उनसे प्रभावित मुलायम सिंह यादव ने उन्हें जलेसर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर उतारा और वे 1998 में पहली बार विधायक बने और मुलायम सिंह सरकार में मंत्री के रूप में भी काम किया।

सियासत में कदम रखने के बाद एसपी बघेल ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और सियासी बुलंदियों पर चढ़ते गए। वे 2004 में सपा से सांसद रहे हैं, लेकिन रामगोपाल यादव के साथ उनके रिश्ते खराब होने के बाद पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। ऐसे में बघेल स्वामी प्रसाद मौर्य के जरिए बसपा को ज्वाइन कर लिया। 2010 में बसपा ने उन्हें राज्यसभा में भेजा और साथ ही राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी भी सौंपी पर इसके बावजूद भी बसपा में नहीं रह सके और 2014 के आम चुनाव से पहले वे बीजेपी पार्टी ज्वाइन कर लिया।

2024 में आगरा संसदीय सीट से किसको मिला है टिकट

बता दें कि एसपी सिंह बघेल पर एक बार फिर से भाजपा ने भरोसा जताते हुए 2024 में एक बार फिर से बघेल के हाथ में सौंप दिया है। वहीं बसपा की ओर से पूजा अमरोही को प्रत्याशी के रूप में उतारा गया है। वहीं कांग्रेस ने प्रीता हरित को अपना उम्‍मीदवार बनाया है।

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