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UP Loksabha Election 2024: जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर सपा ने उतारे प्रत्याशी, केवल 4 सीटों पर यादव उम्मीदवार

Keeping the caste equation in mind, SP fields candidates, Yadav candidates on only 4 seats

Keeping the caste equation in mind, SP fields candidates, Yadav candidates on only 4 seats

UP Loksabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशियों को टिकट देने में अपनों से ज्यादा कुर्मी और अन्य पिछड़ी जातियों को महत्व देकर जातीय समीकरण का बेहतर प्रयोग किया है । सपा ने चार मुस्लिम समाज के लोग को और 9 सामान्य वर्ग के लोगों को टिकट दिया है।

जिस प्रकार से सपा ने उत्तर प्रदेश में जातीय समीकरण को ध्यान में रख के प्रत्याशियों को मैदान में उतारने का प्रयास किया है उससे यह स्पष्ट है कि वह लोगों को दिखाना चाहती है कि समाजवादी पार्टी धार्मिक ध्रुवीकरण का सहारा नहीं लेती हैं। यही वजह है कि सपा ने यादवों और मुस्लिम समाज से ज्यादा कुर्मी, मौर्य के साथ शाक्य, सैनी, कुशवहा प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है।

अभी तक किस वर्ग के लोगों के कितनी सीटे दी हैं

उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी ने खबर मिलने 57 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है। जिसमें 4 मुस्लिम समाज से, 9 सामान्य वर्ग से, 15 प्रत्याशी एससी और 29 प्रत्याशी ओबीसी से आते हैं। बता दें कि गठबंधन के अंतर्गत सपा को यूपी में 62 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने हैं, वहीं 17 सीटों पर कांग्रेस और एक सीट पर तृणमूल कांग्रेस के खाते में सीट है।

पीडीए रणनीति को ध्यान में रखकर बनाई है यह नीति

सपा ने उम्मीदवारों को टिकट देने में अपने पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) रणनीति का ध्यान पूरा रखा है, पर इसके साथ पार्टी की मंशा यह भी रही है कि ऐसे प्रत्याशी को उतारा जाए जो उनके आधार वोट में और बढ़ोतरी करें। इन्हीं जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर नौ संसदीय सीटों-बस्ती, प्रतापगढ़, गोंडा, अंबेडकरनगर, बांदा, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, कुशीनगर और श्रावस्ती में कुर्मी-पटेल-सैंथवार प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है।

सिर्फ 7 प्रतिशत मुस्लिम प्रत्याशी

मुस्लिम और यादव (माय) सपा के मुख्य वोट बैंक माने जाते हैं, लेकिन सिर्फ चार संसदीय सीट-कैराना, गाजीपुर, संभल और रामपुर में ही मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। वहीं प्रदेश की आबादी में मुस्लिम की अबादी करीब 20 फीसदी है, लेकिन सपा के अभी आम चुनाव में घोषित प्रत्याशियों में इनकी हिस्सेदारी केवल 7 फीसदी ही है।

इस संसदीय सीटों से इन समाज के उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है

फिरोजाबाद, बदायूं, मैनपुरी और आजमगढ़ से लड़ रहे प्रत्याशी यादव जाति से हैं। ये सभी प्रत्याशी सपा प्रमुख अखिलेश यादव के परिवार के सदस्य हैं। वहीं अभी तक घोषित प्रत्याशियों में छह लोकसभा क्षेत्र- एटा, आंवला, फर्रुखाबाद, बिजनौर, जौनपुर और फूलपुर से मौर्य-शाक्य-सैनी-कुशवाहा समाज के लोगों को टिकट दिया गया है।

गौतमबुद्धनगर से गुर्जर, अकबरपुर से पाल, सुल्तानपुर, मिर्जापुर, संतकबीरनगर और गोरखपुर से निषाद उम्मीदवार उतारे हैं। दो सीट-मुजफ्फरनगर और अलीगढ़ से जाट प्रत्याशी मैदान में हैं। फैजाबाद और मेरठ जैसी सामान्य सीटों पर अनुसूचित जाति के अवधेश प्रसाद और सुनीता वर्मा को उतारकर दलितों को महत्व देने का संदेश भी दिया है।

वहीं सामान्य जाति के नौ प्रत्याशियों में से, बागपत और डुमरियागंज से ब्राह्मण प्रत्याशी हैं, जबकि चंदौली और धौरहरा में ठाकुर जाति के उम्मीदवार हैं। लखनऊ, उन्नाव, बरेली, मुरादाबाद और घोसी से भी सपा के प्रत्याशी सामान्य वर्ग से संबंधित हैं।

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