उत्तर प्रदेश में मानसून की पहली दस्तक के साथ ही प्रशासन ने संभावित बाढ़ संकट को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद सिंचाई विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है। गुरुवार को जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने राजधानी लखनऊ स्थित परिकल्प भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ बाढ़ सुरक्षा कार्यों की समीक्षा बैठक की।
इस समीक्षा बैठक में मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि हर वर्ष बाढ़ से प्रभावित होने वाले जिलों की पहचान कर वहां पूर्व तैयारी और जरूरी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि निचले इलाकों, नदी किनारे बसे गांवों और संभावित जलभराव वाले क्षेत्रों में पहले से ही पुख्ता इंतज़ाम किए जाएं, जिससे किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
बैठक के दौरान यह भी चर्चा हुई कि बाढ़ से पहले नालों की सफाई, जलनिकासी व्यवस्था, राहत सामग्री की उपलब्धता और त्वरित बचाव दलों की तैनाती पर विशेष ध्यान दिया जाए। मंत्री ने कहा कि इस बार बारिश सामान्य से अधिक होने के आसार हैं, ऐसे में हर स्तर पर समन्वय और तत्परता जरूरी है।
जलशक्ति मंत्री स्वयं भी ग्राउंड जीरो पर जाकर बाढ़ प्रभावित जिलों का निरीक्षण कर रहे हैं और स्थानीय प्रशासन व विभागीय अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि मानसून के दौरान किसी भी आपदा से जनता को कम से कम परेशानी हो और राहत व बचाव कार्य समयबद्ध तरीके से संचालित किए जा सकें।