उत्तर प्रदेश भारत के सबसे तेज़ी से विकसित हो रहे राज्यों में शुमार है। 2017 से पहले राज्य में योजनाओं की भरमार थी लेकिन ज़मीन पर क्रियान्वयन बेहद कमजोर। निवेशक यूपी से दूरी बनाकर चलते थे। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीते आठ वर्षों में प्रदेश ने अधोसंरचना के हर क्षेत्र में क्रांति का अनुभव किया है।
एक्सप्रेसवे की बुनियाद पर विकास की रफ्तार
उत्तर प्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य बन गया है जहां 7 एक्सप्रेसवे संचालित हो रहे हैं और 15 निर्माणाधीन हैं। पूर्वांचल, बुंदेलखंड, गोरखपुर लिंक और गंगा एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाएं न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मज़बूत कर रही हैं, बल्कि इनके साथ औद्योगिक क्लस्टर, MSME पार्क और कृषि आधारित हब भी विकसित किए जा रहे हैं। इससे न सिर्फ निवेश बढ़ा है, बल्कि युवाओं को रोज़गार भी मिला है।
हवाई, रेल और जलमार्ग कनेक्टिविटी में ऐतिहासिक छलांग
2017 तक यूपी में केवल 2 प्रमुख हवाई अड्डे (लखनऊ और गोरखपुर) थे। आज 16 हवाई अड्डे चालू हैं, जिनमें 4 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं। 2025 तक जेवर में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट चालू हो जाएगा। रेल नेटवर्क में उत्तर प्रदेश 16,000 किमी से अधिक ट्रैक के साथ सबसे बड़ा राज्य बन गया है। मेट्रो सेवाएं अब लखनऊ, कानपुर और आगरा जैसे शहरों में संचालित हैं और रैपिड रेल दिल्ली–मेरठ के बीच शुरू हो चुकी है। वाराणसी से हल्दिया तक वॉटरवे पर भी काम तेज़ी से जारी है।
औद्योगिक और शहरी विकास को मिला नया आयाम
डिफेंस कॉरिडोर, फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क, टेक्सटाइल पार्क और डेटा सेंटर जैसी परियोजनाएं उत्तर प्रदेश को निवेश का नया हब बना रही हैं। शहरी विकास में भी 17 नगर निगम स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत विकसित हो रहे हैं, जहां CCTV, क्लीन सिटी और सेफ सिटी जैसे प्रोजेक्ट्स लागू किए गए हैं।
ग्रामीण कनेक्टिविटी और पर्यटन में वृद्धि
2017 से अब तक 32,000+ किमी ग्रामीण सड़कें बनाई गई हैं और 25,000 किमी सड़कें सुदृढ़ की गई हैं। प्रयागराज महाकुंभ में रिकॉर्ड 67 करोड़ श्रद्धालुओं का आगमन यूपी की बढ़ती कनेक्टिविटी और धार्मिक पर्यटन की सफलता का प्रमाण है।उत्तर प्रदेश अब केवल एक राज्य नहीं, बल्कि भारत की विकास गाथा का अगुवा बन चुका है।