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Ayodhya : राज्यपाल ने अवध विश्वविद्यालय के बहुउद्देश्यीय भवन का किया लोकार्पण

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के नवीन परिसर (वशिष्ठ परिसर) में बहुउद्देशीय कॉम्प्लेक्स (तुलसी भवन) एवं इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी (धन्वंतरी भवन) का लोकार्पण किया गया ।

लोकार्पण के उपरांत कुलाधिपति जी ने भवनों का निरीक्षण किया और लेक्चर हॉल, प्रयोगशालाओं एवं शिक्षक कक्षों सहित आवश्यक सुविधाओं का अवलोकन कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। फार्मेसी के छात्र-छात्राओं से संवाद करते हुए उन्होंने उन्हें कर्तव्यनिष्ठा और जीवन में अनुशासन के महत्व से अवगत कराया।

धन्वंतरी भवन के सभा कक्ष में क्रीड़ा परिषद द्वारा आयोजित खिलाड़ी सम्मान समारोह में राज्यपाल जी ने अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिताओं के महिला एवं पुरुष वर्ग के सात-सात विजेता खिलाड़ियों एवं उनके कोचों को स्मृति चिन्ह एवं धनराशि प्रदान कर सम्मानित किया। स्वर्ण पदक प्राप्त खिलाड़ियों को 30 हजार रूपये एवं रजत पदक प्राप्त खिलाड़ियों को 15 हजार रूपये की धनराशि चेक के माध्यम से प्रदान की गई।

राज्यपाल ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि भारत सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। खेलों से शक्ति, अनुशासन और आत्मबल का विकास होता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्र को खेल गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए।

महिला खिलाड़ियों को विशेष रूप से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “शक्तिशाली बनो, शोषण का केंद्र नहीं। अन्याय का डटकर सामना करो। हिम्मत से कार्य करो और किसी ऐसी गतिविधि से न जुड़ो जिससे आगे चलकर पछताना पड़े।“ उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि अच्छे विचारों को साझा करें, आत्मसात करें और निरंतर सीखते रहें, यही जीवन है। सभी विद्यार्थी अपने माता-पिता और शिक्षकों से संवाद करते रहें। छात्राओं को विशेष सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि “एक गलती को छिपाने के लिए दूसरी या तीसरी गलती न करें।”

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति कर्नल डॉ. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए खेल अत्यंत आवश्यक हैं। इससे नेतृत्व क्षमता और टीम भावना का विकास होता है। कुलाधिपति जी का स्वागत गुरुकुल अयोध्या के बटुकों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार और स्वस्तिवाचन से किया गया। राज्यपाल ने बटुकों को अंगवस्त्र एवं भगवद्गीता भेंट कर सम्मानित किया।

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