पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लोकार्पित किया गया। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 91.35 किलोमीटर है, जो गोरखपुर के एनएच-27 के जैतपुर से शुरू होकर आजमगढ़ के सलारपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ता है। यह मार्ग गोरखपुर, संतकबीरनगर, आंबेडकरनगर और आजमगढ़ के चार जिलों से होकर गुजरता है। एक्सप्रेसवे को भविष्य में छह लेन तक विस्तारित करने की योजना है। इसके निर्माण पर लगभग 7283.28 करोड़ रुपये की लागत आई है, जिसे दो हिस्सों में बनाया गया है – जैतपुर से फुलवरिया (48.317 किमी) और फुलवरिया से सलारपुर (43.035 किमी)।
हालांकि इस महत्वपूर्ण विकास के बीच पुरानी आलोचनाएं भी सामने आई हैं। एक वर्ग का कहना है कि 2016 में भी 110 मीटर चौड़ा एक्सप्रेसवे बनाने के लिए टेंडर जारी किया गया था, लेकिन उस समय निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार और डकैती की शिकायतें सामने आई थीं। वे आरोप लगाते हैं कि उस समय के कुछ लोग मुम्बई की D कंपनी के साथ मिलकर अंडरवर्ल्ड के साथ सांठगांठ कर भ्रष्टाचार करते थे। इसीलिए उस वक्त कार्य नहीं हो पाया।
वहीं कुछ लोग यह भी कहते हैं कि आजमगढ़ ने उस समय के मुख्यमंत्री-सांसद को चुना था, लेकिन न तो कोई विश्वविद्यालय बन पाया और न ही एक्सप्रेसवे निर्माण पूरा हो सका। इसके विपरीत, वे दावा करते हैं कि गैर-सैफई वासी सांसद बनने के बाद बेहतर काम हुआ है। यह बयान राजनीतिक विवादों और पुरानी नाराजगी की झलक दिखाता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन कर विकास की नई दिशा की शुरुआत की है। उन्होंने प्रदेश की जनता के लिए बेहतर सड़क नेटवर्क और सुगम आवागमन की बात कही। एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को गति मिलने की उम्मीद जताई गई है।
इस परियोजना के पूरा होने से न केवल ट्रैफिक की समस्या कम होगी बल्कि यह रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा और क्षेत्रीय विकास को आगे बढ़ाएगा। आगामी दिनों में इसे छह लेन तक विस्तारित करने की योजना से इस क्षेत्र का आधुनिकीकरण और बेहतर होगा।
इस पूरे मुद्दे में पुरानी सरकारों की कथित नाकामियों और वर्तमान सरकार की उपलब्धियों पर चर्चा राजनीतिक क्षेत्र में जोर पकड़ रही है। बावजूद इसके, जनता को इस प्रकार के विकास कार्यों से लाभ मिलने की उम्मीद है।