पुलिस कमिश्नर गौतम बुद्ध नगर, श्रीमती लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में कमिश्नरेट की साइबर क्राइम टीम द्वारा निवेश की ठगी में फँसे 07 ‘लाइव पीड़ितों’ को देशभर में खोजकर समय रहते करोड़ों के आर्थिक नुकसान से बचाया गया है।
ठगी से फंसे लोगों की पहचान कर दलदल से निकाला
कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने एक अत्यंत सक्रिय और इंटेलिजेंस-आधारित कार्रवाई करते हुए उन नागरिकों को समय रहते पहचान लिया, जो लंबे समय से ऑनलाइन निवेश घोटालों में फँसे हुए थे और लगातार ठगों के प्रभाव में आकर रकम भेज रहे थे।
साइबर कमांडो सचिन धामा के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई, टीम ने I4C (Indian Cyber Crime Coordination Centre) और NPCI (National Payments Corporation of India) के सहयोग से प्राप्त साइबर एवं वित्तीय इंटेलिजेंस का उपयोग किया।
इस कार्रवाई के दौरान, टीम ने रिपोर्टेड साइबर अपराधों से जुड़े वित्तीय प्रवाह (financial flows) का अध्ययन किया और लेनदेन के पैटर्न व नेटवर्क संकेतों का विश्लेषण करते हुए संभावित पीड़ितों तक पहुँच बनाई।
इस इंटेलिजेंस-आधारित प्रयास के परिणामस्वरूप, गठित साइबर पुलिस टीम द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों— तमिलनाडु, गुजरात, तेलंगाना, ओडिशा और राजस्थान से जुड़े कुल 07 ‘लाइव पीड़ितों’ की पहचान की।
अच्छे रिटर्न का झाँसा देकर फंसा रहे थे लोगों को
सभी नागरिक पिछले कई महीनों से निवेश धोखाधड़ी के जाल में फँसे हुए थे। अभियुक्तों ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स के माध्यम से लोगों को स्टॉक मार्केट एवं अन्य निवेश योजनाएँ दिखाकर उनमें अच्छे रिटर्न का झाँसा दिया और इस प्रकार उन्हें फ्रॉड निवेश नेटवर्क से जोड़ लिया।
पीड़ितों को लंबे समय तक यह एहसास नहीं हो पाया कि उनके साथ धोखाधड़ी की जा रही है। साइबर टीम ने प्रत्येक व्यक्ति से सीधे संपर्क स्थापित कर उन्हें ठगी की वास्तविकता से अवगत कराया। समय पर दी गई चेतावनी के बाद सभी ने आगे की ट्रांज़ैक्शन रोक दी, जिससे एक सक्रिय “इन्वेस्टमेंट फ्रॉड नेटवर्क” को बीच में ही निष्क्रिय किया जा सका।
समय रहते किया गया सतर्क
साइबर पुलिस ने पीड़ितों के स्वयं संपर्क करने की प्रतीक्षा नहीं की, बल्कि स्वयं उनके पास पहुँचकर उन्हें समय रहते सतर्क किया। इस सक्रिय कार्रवाई के परिणामस्वरूप पुलिस द्वारा 07 ‘लाइव पीड़ितों’ को करोड़ों रुपये के आर्थिक नुकसान से बचाया गया।
गौतमबुद्धनगर पुलिस द्वारा समयबद्ध कार्यवाही करते हुए, साइबर इंटेलिजेंस, फाइनेंशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और संवेदनशील एजेंसियों के समन्वय से साईबर अपराध घटित होने से पहले ही रोक दिया।
पुलिस द्वारा पीड़ितों से शिकायत प्राप्त करते हुए बैंक खातों को फ्रीज कराया जा रहा है एवं अपराध कारित करने वाले अभियुक्तों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जा रही है। पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण द्वारा नोएडा पुलिस की साइबर यूनिट एवं साइबर कमांडो द्वारा किए गये उत्कृष्ट कार्य की सराहना करते हुए उन्हें पुरस्कृत करने की घोषणा की है|

