Site icon UP की बात

UP : उत्तर प्रदेश में बाढ़ का खतरा बरकरार, संतकबीरनगर में सिंचाई विभाग की लापरवाही उजागर

मानसून सीजन भले ही समाप्ति की ओर बढ़ गया है, लेकिन उत्तर प्रदेश में अभी भी बाढ़ का खतरा टला नहीं है। अनुमान लगाया जा रहा है कि सितंबर के पहले सप्ताह में कई नदियों में उफान आएगा और निचले इलाकों में बाढ़ का संकट गहरा सकता है। इसके बावजूद संतकबीरनगर जिले का सिंचाई विभाग अब तक गंभीरता नहीं दिखा रहा है।

धनघटा तहसील स्थित कुआनो नदी पर यूपी की बात टीम ने निरीक्षण किया, जहां कई खतरनाक रेट होल और रैंक कट देखने को मिले। यह साफ संकेत था कि इस सीजन में विभाग की ओर से बाढ़ रोकथाम से जुड़ी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल बाढ़ के समय हालात बिगड़ते हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी समय रहते मरम्मत और सुरक्षा कार्य नहीं करते।

जानकारी के अनुसार, जिले के अभियंता अजय कुमार शायद ही कभी कार्यालय से बाहर निकलते हों और उनके सहयोगी भी फील्ड में जाने के बजाय दफ्तर तक सीमित रहते हैं। अधीक्षण अभियंता केपी सिंह केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए योजनाओं की समीक्षा करते हैं और उसे ही औपचारिकता मान लेते हैं।

वित्तीय वर्ष 2024 में संतकबीरनगर को छह परियोजनाएं स्वीकृत हुई थीं। कागजों में इन परियोजनाओं को पूरा दिखा दिया गया है, लेकिन जमीन पर हालात अलग हैं। कई परियोजनाओं पर कार्य अधूरा है और जहां कार्य हुआ भी है, वहां गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

गौर करने वाली बात यह है कि गोरखपुर से महज 30 किलोमीटर की दूरी पर ये बंधे स्थित हैं और यहीं पर जल संसाधन विकास के मुख्य अभियंता का कार्यालय भी है। इसके बावजूद हालात में सुधार नहीं हुआ।

जनता की मांग है कि विभाग जल्द से जल्द धरातल पर काम शुरू करे, ताकि आने वाली बाढ़ से लोगों की जान-माल की रक्षा की जा सके। प्रशासन और सिंचाई विभाग की कुंभकरणीय नींद अब टूटी नहीं तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

Exit mobile version