आगरा में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से हालात गंभीर होते जा रहे हैं। नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर गया, जिससे शहर में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। दयालबाग, बल्केश्वर और टेढ़ी बगिया जैसे निचले इलाकों में पानी घुसने लगा है। वहीं, 40 से अधिक नाले उल्टे बहने लगे हैं। इस वजह से शहरी क्षेत्र के करीब 500 परिवारों पर विस्थापन का संकट खड़ा हो गया है।
प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए राहत एवं आश्रय स्थल चिह्नित कर लिए हैं और एहतियातन नदी में नाव संचालन व लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। अधिकारियों के अनुसार, यदि जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो अगले 72 घंटे बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।
बाढ़ नियंत्रण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को हथिनीकुंड बैराज से 3.11 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इसके बाद से यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बुधवार सुबह तक ओखला बैराज से 1.73 लाख क्यूसेक और मथुरा के गोकुल बैराज से 1.06 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया। वहीं, हथिनीकुंड से बुधवार को भी 1.62 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया।
मानसून के कारण यमुना पहले से ही उफान पर थी, ऐसे में बैराजों से छोड़े जा रहे अतिरिक्त पानी और लगातार हो रही बारिश ने खतरे को और बढ़ा दिया है। प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने और सतर्क रहने की अपील की है।