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Mathura : मथुरा में भूमि अधिग्रहण मुआवजा विवाद पर भड़का किसानों का आक्रोश

मथुरा में भारतीय किसान यूनियन (सुनील गुट) के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने होली गेट चौराहे पर जोरदार प्रदर्शन किया। यह आंदोलन रेलवे द्वारा कोटा मौजा गांव में भूमि अधिग्रहण के लिए दिए जा रहे अनुचित मुआवजे के खिलाफ किया गया। प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन श्याम पाठक, युवा प्रदेश अध्यक्ष बिट्टू पंडित और महानगर अध्यक्ष भरत अग्रवाल ने संयुक्त रूप से किया।

टोपी पहनकर और हाथों में पट्टिकाएँ लेकर पहुंचे किसानों ने “मथुरा की सांसद हेमा मालिनी मुर्दाबाद”, “जनप्रतिनिधि मुर्दाबाद” और “रेल मंत्री मुर्दाबाद” जैसे गगनभेदी नारे लगाए। किसानों का आरोप था कि केंद्र और राज्य सरकारें किसान विरोधी हैं और उनकी जायज मांगों की अनदेखी कर रही हैं।

राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन चतुर्वेदी और प्रमुख महासचिव उदयभान सिंह जाटव ने बताया कि किसान पिछले 91 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं, लेकिन जिला प्रशासन और रेलवे अधिकारी कुंभकरण की नींद सो रहे हैं। कोटा मौजा गांव मथुरा-वृंदावन नगर निगम क्षेत्र में आता है, जहां के किसान नगर निगम के सभी टैक्स जमा करते हैं और जमीन की खरीद-बिक्री पर निगम की मोहर लगती है। इसके बावजूद जिला प्रशासन किसानों को ग्रामीण कृषि दरों पर मुआवजा दे रहा है, जिसे किसानों ने सीधी लूट करार दिया।

किसान नेताओं ने साफ कहा कि जब तक नगर निगम क्षेत्र के हिसाब से मुआवजा नहीं दिया जाएगा, तब तक रेलवे को एक इंच जमीन भी नहीं दी जाएगी। आंदोलन अब गांव से निकलकर मथुरा शहर की सड़कों तक पहुंच गया है और आने वाले दिनों में इसका बड़ा स्वरूप देखने को मिलेगा।

युवा प्रदेश अध्यक्ष बिट्टू पंडित, उपाध्यक्ष मोहन श्याम पाठक, महानगर अध्यक्ष भरत अग्रवाल और किसान नेता भगवान दास तोमर ने कहा कि वर्तमान केंद्र और राज्य सरकारें पूरी तरह किसान विरोधी हैं। मोदी सरकार ने किसानों को सिर्फ जुमले दिए हैं, जबकि असल में यह सरकार पूंजीपतियों की सरकार है।नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि जल्द किसानों की मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और उग्र होगा। किसान राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे ट्रैक और यमुना एक्सप्रेसवे तक जाम करेंगे।

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