नोएडा पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए फर्जी इंटरनेशनल पुलिस और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के दफ्तर पर छापा मारकर छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह पुलिस की तरह पैरलल सिस्टम चलाकर लोगों को ठगने में लगा हुआ था। आरोपी खुद को सरकारी अफसर बताकर ठगी के जरिए लोगों से मोटी रकम वसूलते थे।
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने करीब दो महीने पहले नोएडा सेक्टर-70 में यह फर्जी दफ्तर खोला था। यहां पर वे कई तरह की “सरकारी” सेवाओं का झांसा देते थे, जिसमें लोगों का वेरिफिकेशन करना, फर्जी मंत्रालयों की मुहर लगाना, नकली आईडी कार्ड बनाना और फर्जी प्रमाण पत्र जारी करना शामिल था। यह पूरा सेटअप बिल्कुल असली सरकारी दफ्तर जैसा दिखता था ताकि लोग आसानी से धोखे में आ जाएं।
छापेमारी के दौरान पुलिस को भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और उपकरण मिले हैं। इनमें विभिन्न मंत्रालयों की नकली मुहरें, फर्जी पहचान पत्र, प्रमाण पत्र और अन्य अहम दस्तावेज शामिल हैं। इनका इस्तेमाल आरोपी भोले-भाले लोगों को विश्वास में लेकर ठगी करने के लिए करते थे।
फेज-3 थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि सेक्टर-70 में एक संदिग्ध कार्यालय में गैरकानूनी गतिविधियां चल रही हैं। इसके बाद पुलिस ने टीम बनाकर वहां छापा मारा और मौके से सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बरामद सामान को जब्त कर लिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है।
अधिकारियों के अनुसार, अब जांच इस बात पर केंद्रित है कि इन ठगों ने अब तक कितने लोगों को निशाना बनाया और उनसे कितनी रकम वसूली गई। साथ ही, यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस नेटवर्क के तार अन्य शहरों या राज्यों में भी फैले हुए हैं।
पुलिस का मानना है कि इस तरह के फर्जी दफ्तर न केवल लोगों को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि सरकारी संस्थानों की साख पर भी बुरा असर डालते हैं। नोएडा पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी “सरकारी” सेवा या अधिकारी से जुड़ी प्रक्रिया में पहले उसके असली होने की पुष्टि जरूर करें और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत पुलिस को जानकारी दें।
यह मामला एक बार फिर चेतावनी देता है कि ठगी के नए-नए तरीके अपनाने वाले गिरोह लगातार सक्रिय हैं और लोगों को सतर्क रहना बेहद जरूरी है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है, लेकिन अभी जांच के दौरान कई और चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है।