मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी के मुस्तफाबाद स्थित कबीरधाम में आयोजित स्मृति प्राकट्योत्सव मेले में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने संत कबीरदास के जीवन और उनके उपदेशों पर प्रकाश डालते हुए समाज को एकजुटता का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कबीरदास ने जात-पात और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई थी। उन्होंने कहा था, “जात-पात पूछे ना कोई, हरि को भजे सो हरि का होइ।” योगी ने कहा कि जातिवाद देश की गुलामी और समाज के विभाजन का कारण रहा है, जिसे संतों ने समाप्त करने का प्रयास किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भी समाज में जातीय आधार पर विभाजन की साजिशें चल रही हैं। कुछ तत्व भारतीय संस्कृति और आस्था पर प्रहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज की विसंगतियों और बुराइयों को समय रहते दूर करना आवश्यक है, ताकि वे कैंसर की तरह असाध्य न बन जाएं। योगी ने संतों के मार्ग पर चलकर लोक और राष्ट्र कल्याण के लिए कार्य करने का आह्वान किया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व महसूस कर रहा है। उन्होंने अयोध्या के श्रीराम मंदिर का उल्लेख करते हुए कहा कि जो कार्य पहले असंभव माना जाता था, वह आज संभव हो गया है। यह एकजुटता और विश्वास का परिणाम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश वैश्विक पहचान खो चुका था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने नई पहचान बनाई है। आज भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत, उज्ज्वला योजना, शौचालय निर्माण और मुफ्त राशन जैसी योजनाओं से करोड़ों लोगों को लाभ मिला है। आज भारत दुनिया के सामने अपनी शक्ति और आत्मगौरव के साथ खड़ा है।

