उत्तर प्रदेश सरकार ने गुणवत्तापरक एवं संसाधन सहित विद्यालय बनाने का निर्णय लिया है, जो सीएम मॉडल कंपोजिट विद्यालय के अंतर्गत बनने है। प्रदेश में इन विद्यालयों की संख्या लगभग डेढ़ सौ के आस पास है। ये विद्यालय प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक के होंगे,प्रदेश सरकार की यह महत्वकांशी योजना है।
प्रत्येक जनपद में गुणवत्ता परक और संसाधन युक्त विद्यालय बनाये जाएंगे पहले जनपद में दो, फिर आगे चलकर तहसील स्तर पर विद्यालय बनाये जाएंगे। इसके लिये सरकार ने वित्तिय स्वीकृतिया जारी कर दी है प्रत्येक विद्यालय 30 करोड़ की लागत से बनेगा। इसके लिये प्रदेश सरकार ने आधा दर्जन कार्यदायी संस्थाओं को नामित किया है जिसमें यूपीपीसीएल, सीएनडीएस, लोकनिर्माण, समाज कल्याण निर्माण निगम, उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद सहित अन्य कार्यदायी संस्था है। क्योंकि यह बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित है और सीएम मॉडल कंपोजिट विद्यालय बनाने के लिये सभी कार्यदायी संस्थाओं को विद्यालय बनाने हेतु कार्य आंवटित किया गया है यह कार्य पूरी तरह से बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित होगा।
यूपी की बात की टीम ने जब लगातार कार्यदायी संस्थाओं से गोपनीय रूप से बात की तो चौकाने वाली जानकारी निकलकर आई। सीएम मॉडल कंपोजिट विद्यालय बनने से पहले भ्रष्टाचार का बड़ा मामला निकलकर सामने आया। प्रत्येक कार्यदायी संस्थाओ को उच्च स्तर से मौखिक निर्देश दिये जा रहे है कि विद्यालय बनाने हेतु ठेकेदार और कंस्ट्रक्शन कंपनी तय करके भेजे जा रहे है जिसमें पांच प्रतिशत कमीशन जमा कराया जा रहा है जो भ्रश्टाचार का एक बड़ा विषय है।
निश्चित रूप से कार्यदायी संस्थाए सीएम मॉडल कंपोजिट विद्यालय बनाने को लेकर काफी दबाव में है क्योंकि अगर शुरूआती दौर में कमीशन का दबाव रहेगा तो निश्चित रूप से गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ेगा। प्रदेश में यह एक बड़ा भ्रष्टाचार का विषय है कि आखिर कौन ले रहा है कार्यदायी संस्थाओ से कमीशन? क्या मुख्यमंत्री इसकी जांच कराकर कार्रवाई करेंगे।

