उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाने की दिशा में सरकार ने विजन डाक्यूमेंट तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है। यह डाक्यूमेंट तीन सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद आठ और नौ सितंबर से प्रदेश के विभिन्न जिलों में छात्रों, उद्यमियों और आमजनों से सुझाव लिए जाएंगे, ताकि यह डाक्यूमेंट जनता की अपेक्षाओं और जरूरतों के अनुरूप तैयार किया जा सके।
विभागीय स्तर पर डाक्यूमेंट का प्रारूप तैयार कर लिया गया है, लेकिन इसे व्यापक बनाने के लिए जनता से राय ली जाएगी। इसके लिए विशेष पोर्टल ‘समर्थ’ और क्यूआर कोड जारी किए गए हैं। गांवों, कस्बों और तहसीलों में क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं, ताकि लोग आसानी से अपनी राय दर्ज करा सकें। मुख्यमंत्री बुधवार को इस पोर्टल का शुभारंभ करेंगे।
प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार के अनुसार, इस अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए पूर्व अधिकारियों, शिक्षकों और जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जा रहा है। लगभग 500 लोगों की टीम गठित की गई है, जो जिले-जिले जाकर जनता से संवाद करेगी और कृषि, रोजगार, उद्योग जैसे मुद्दों पर सुझाव एकत्रित करेगी।
यह डाक्यूमेंट न केवल उत्तर प्रदेश के विकास की दिशा तय करेगा, बल्कि इसे केंद्र सरकार के नीति आयोग को भी भेजा जाएगा। इसका मकसद है कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने में उत्तर प्रदेश की भूमिका और योगदान को रेखांकित किया जा सके।