उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव के तौर पर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का नया राजनीतिक ठिकाना आजमगढ़ में स्थापित हुआ है। 3 जुलाई को अनवरगंज क्षेत्र में उनका नया आशियाना और कार्यालय का उद्घाटन किया जाएगा। यह कार्यालय जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूर स्थित है, जहां सपा सुप्रीमो पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे और पूर्वांचल की राजनीति को मजबूत करने की दिशा में अपनी रणनीति बनाएंगे।
आजमगढ़ को सपा का गढ़ माना जाता है, क्योंकि यहां पार्टी का मजबूत जनाधार है। जिले की 10 विधानसभा सीटें, दो लोकसभा क्षेत्र, जिला पंचायत और नगर पालिका पर सपा का दबदबा कायम है। 2014 में मुलायम सिंह यादव ने यहां से लोकसभा चुनाव जीता था और 2019 में यह सीट उनके बेटे अखिलेश यादव के नाम रही। हालांकि 2022 में लोकसभा से इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव में भाजपा ने यह सीट जीत ली, पर 2024 के आम चुनाव में सपा के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र यादव ने आजमगढ़ से जीत हासिल कर पार्टी की पकड़ बनाए रखी।
सपा जिलाध्यक्ष ने बताया कि अखिलेश यादव का यह कार्यालय 2024 के चुनाव से पहले बन चुका था, लेकिन उद्घाटन अब तक नहीं हो पाया था। अब 3 जुलाई को राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद इस कार्यालय का फीता काटेंगे और इसे औपचारिक रूप से चालू करेंगे। इस अवसर पर वे कार्यकर्ताओं का अभिवादन स्वीकार करेंगे और आगामी चुनावी रणनीतियों पर दिशा निर्देश देंगे।
यह नया कार्यालय न केवल आजमगढ़ में सपा की पकड़ मजबूत करेगा, बल्कि पूर्वांचल की राजनीति में पार्टी की सक्रियता बढ़ाने में भी मदद करेगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता और PDA के प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे और सपा की आगामी योजनाओं पर चर्चा करेंगे।
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, अखिलेश यादव का आजमगढ़ में नया कार्यालय सपा के लिए रणनीतिक और प्रतीकात्मक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण है। यह सपा को क्षेत्रीय राजनीति में मजबूती प्रदान करेगा और पूर्वांचल में जनाधार बढ़ाने का अवसर देगा। आगामी चुनावों में यह स्थान पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के समन्वय का केंद्र बनेगा।