उत्तर प्रदेश में लेखपाल भर्ती 2025 की अधिसूचना जारी होते ही राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भर्ती में आरक्षण के नियमों का पालन न होने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि OBC वर्ग के साथ “हकमारी” की जा रही है।
अखिलेश यादव का आरोप – OBC को उनका पूरा कोटा नहीं दिया गया
सपा चीफ और कन्नौज सांसद अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा कि-
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कुल 7994 पदों में
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OBC के लिए सिर्फ 1441 पद आरक्षित किए गए हैं
उन्होंने कहा कि संविधान द्वारा निर्धारित 27% OBC आरक्षण के अनुसार OBC को 2158 पद मिलने चाहिए थे। उनके अनुसार लगभग 717 पद OBC वर्ग से छीने गए हैं। अखिलेश ने नए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी से अपील की- “नए नवेले BJP अध्यक्ष सामने आएं और OBC आरक्षण की हकमारी से बचाएं।” उन्होंने लिखा कि EWS वर्ग के लिए 10% आरक्षण के अनुसार 792 पद दिए गए हैं, जबकि OBC को पूरा 27% नहीं दिया गया।
अधिसूचना में क्या कहा गया है? आरक्षण कैसे तय होता है?
लेखपाल भर्ती की अधिसूचना के अनुसार:
1. विभाग ही तय करता है आरक्षण का विवरण
भर्ती के लिए भेजे गए अधियाचन में पदों की संख्या और आरक्षण का पूरा विवरण संबंधित विभाग तय करता है। UPSSSC केवल उसी अधियाचन के आधार पर विज्ञापन जारी करता है।
2. आरक्षण नियमों के अनुसार बदलाव संभव
अधिसूचना में स्पष्ट उल्लेख है कि-
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ऊर्ध्वाधर (Vertical) और क्षैतिज (Horizontal) आरक्षण
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राज्य सरकार के नवीनतम नियमों, आदेशों व अधिनियमों के अनुसार
रिक्तियों की संख्या बढ़ या घट सकती है।
यानी भर्ती प्रक्रिया के दौरान श्रेणीवार पदों में संशोधन संभव है।
मामला क्यों बढ़ रहा है?
- OBC को 27% आरक्षण के हिसाब से 2158 पद मिलने चाहिए
- अधिसूचना में केवल 1441 पद दिखाए गए
- इसके बाद सपा ने इसे “आरक्षण में हेरफेर” बताया
- BJP की ओर से अभी औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं
सरकार का पक्ष (अधिसूचना के आधार पर)
सरकार ने कहा है कि:
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आरक्षण के नियमों का पालन किया जाएगा
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आवश्यक होने पर श्रेणीवार पद संशोधित हो सकते हैं
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आरक्षण निर्धारण की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की है

