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Barabanki: डीएम के निर्देश पर बाढ़ से निपटने को लेकर मॉक ड्रिल का आयोजन

बाराबंकी जिले के रामसनेही घाट तहसील क्षेत्र में बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासनिक तैयारियों को परखने हेतु एक वृहद मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। यह मॉक ड्रिल खजूरी बाढ़ राहत केंद्र पर आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य बाढ़ जैसे आपदा की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देना, आम जनता को जागरूक करना और संबंधित विभागों के बीच समन्वय को सुनिश्चित करना था। मॉक ड्रिल का आयोजन जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी के निर्देश पर किया गया।

इस अभ्यास का नेतृत्व क्षेत्रीय उप जिलाधिकारी अनुराग सिंह ने किया। सुबह से शुरू हुई इस मॉक ड्रिल में विभिन्न विभागों के अधिकारी, स्थानीय प्रशासनिक कर्मचारी, स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस बल और आपदा प्रबंधन की टीमें सक्रिय रूप से शामिल रहीं। मॉक ड्रिल के दौरान बाढ़ से आने वाली आपातकालीन परिस्थितियों की प्रैक्टिकल रिहर्सल की गई और यह देखा गया कि किस प्रकार से लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सकता है।

मॉक ड्रिल में यह दर्शाया गया कि बाढ़ के खतरे की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अमला किस प्रकार से सक्रिय होता है, और राहत केंद्रों तक लोगों को पहुंचाने, उनकी चिकित्सा व्यवस्था, भोजन, पानी और रहने की सुविधा को किस प्रकार समन्वित रूप से क्रियान्वित किया जाता है। अभ्यास के दौरान बचाव नौकाएं, राहत सामग्री वितरण, अस्थायी शिविरों की व्यवस्था, मेडिकल टीम की तैनाती और संचार प्रणाली की कार्यशीलता को भी परखा गया।

एसडीएम अनुराग सिंह ने लोगों को बाढ़ से पूर्व और बाढ़ के समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि बाढ़ की पूर्व सूचना मिलने पर घबराने की बजाय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और निर्धारित मार्गों से सुरक्षित स्थानों की ओर जाएं। उन्होंने यह भी बताया कि राहत केंद्रों पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, और प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों ने भी अपनी-अपनी विभागीय तैयारियों का प्रदर्शन किया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राथमिक चिकित्सा केंद्र की स्थापना की गई, वहीं पुलिस और होमगार्ड की टीमों ने लोगों को लाइन में लगाकर सुरक्षित स्थानों की ओर ले जाने का अभ्यास किया। राजस्व विभाग, जल निगम, बिजली विभाग, नगर पंचायत, और सफाई कर्मियों ने भी मॉक ड्रिल में सक्रिय रूप से भाग लिया।

मॉक ड्रिल के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि आपदा की घड़ी में सभी विभागों के बीच समन्वय और तत्परता बनी रहे। आमजन के लिए यह अभ्यास काफी जानकारीपूर्ण और उपयोगी रहा, जिससे उन्हें यह समझने में मदद मिली कि वास्तविक आपदा के समय क्या करना है और किन बातों का विशेष ध्यान रखना है।

इस आयोजन से प्रशासन की गंभीरता और तैयारियों का भी अंदाज़ा हुआ, साथ ही यह भी स्पष्ट हुआ कि बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने के लिए रामसनेही घाट क्षेत्र में प्रशासन पूरी तरह सतर्क और सजग है। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी के निर्देशों पर आने वाले समय में अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भी इस तरह की मॉक ड्रिल आयोजित की जाएंगी, ताकि ज़मीनी स्तर पर तैयारियों को और मज़बूती मिल सके।

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