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Magh Mela 2026: सनातन परंपरा, सुव्यवस्थित प्रशासन और आधुनिक तकनीक का संगम

प्रयागराज में मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम तट पर आयोजित होने वाले माघ मेला-2026 की तैयारियों की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विस्तृत समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि माघ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सनातन परंपरा, सामाजिक अनुशासन और प्रशासनिक दक्षता का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि श्रद्धालुओं को सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित वातावरण उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

प्रमुख स्नान पर्वों पर वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि माघ मेले के प्रमुख स्नान पर्वों पर किसी भी प्रकार का वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं किया जाएगा। इस संबंध में समय रहते आवश्यक सूचना जारी करने के निर्देश गृह विभाग को दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि माघ मेले से जुड़े सभी विभागों के प्रमुख सचिव, सचिव और अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) स्वयं मेला क्षेत्र का भ्रमण कर तैयारियों की समीक्षा करें और 31 दिसंबर तक सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाएं।

44 दिनों तक चलेगा माघ मेला, 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान

बैठक में बताया गया कि माघ मेला-2026 का आयोजन 3 जनवरी से 15 फरवरी 2026 तक कुल 44 दिनों तक होगा। इस दौरान पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि जैसे प्रमुख स्नान पर्व पड़ेंगे। पूरे मेला काल में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना है, जबकि मौनी अमावस्या के दिन एक ही दिन में साढ़े तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के संगम स्नान की संभावना को देखते हुए व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इस वर्ष 15 से 25 लाख श्रद्धालु केवल कल्पवासी होंगे।

मेला क्षेत्र का विस्तार, घाटों की लंबाई में 50% वृद्धि

श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष मेला क्षेत्र को बढ़ाकर लगभग 800 हेक्टेयर कर दिया गया है। सेक्टरों की संख्या 5 से बढ़ाकर 7 कर दी गई है। स्नान घाटों की कुल लंबाई में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इसके साथ ही 42 पार्किंग स्थल, 9 पांटून पुल, बेहतर आंतरिक सड़क व्यवस्था और सुगम आवागमन के लिए विस्तृत कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

एआई आधारित सर्विलांस और बहुस्तरीय भीड़ प्रबंधन

मुख्यमंत्री ने सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया। मेला क्षेत्र में एआई आधारित सर्विलांस और रीयल टाइम क्राउड मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है। लगभग 450 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिनमें से 250 कैमरे पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें भी तैनात रहेंगी। मुख्यमंत्री ने अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, प्रभावी ट्रैफिक प्लान और बहुस्तरीय क्राउड मैनेजमेंट सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

हाई-टेक नवाचारों से होगा माघ मेला-2026 अलग पहचान

माघ मेला-2026 में पहली बार ऐप आधारित बाइक टैक्सी सेवा, दिशा सूचक संकेतों का विस्तार, विद्युत पोलों पर क्यूआर कोड आधारित पहचान प्रणाली, निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए रिंग मेन यूनिट, कटाव रोकने के लिए जियो-ट्यूब तकनीक और पूर्वनिर्मित सीवेज शोधन संयंत्र जैसी हाई-टेक व्यवस्थाएं लागू की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये नवाचार केवल कागजों तक सीमित न रहें, बल्कि ज़मीनी स्तर पर प्रभावी रूप से दिखाई देने चाहिए।

स्वच्छता पर विशेष फोकस, सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध

मुख्यमंत्री ने माघ मेले को स्वच्छता का आदर्श उदाहरण बनाने के निर्देश दिए। मेला क्षेत्र में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। कुल 16,650 शौचालयों की स्थापना की जा रही है, जिनमें महिलाओं के लिए अलग और पर्याप्त सुविधाएं शामिल हैं। लगभग 3300 सफाई मित्र 24×7 तैनात रहेंगे। उनके लिए सैनीटेशन कॉलोनी, बच्चों के लिए आंगनबाड़ी और प्राथमिक विद्यालय की भी व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि स्वच्छताकर्मियों का मानदेय हर हाल में 15 दिनों के भीतर भुगतान किया जाए।

जीरो लिक्विड डिस्चार्ज और सुदृढ़ स्वास्थ्य सेवाएं

नगर विकास विभाग को मेला क्षेत्र में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज मॉडल लागू करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि गंगा-यमुना की पवित्रता बनी रहे। स्वास्थ्य सेवाओं के तहत 20-20 बेड के दो अस्पताल, 12 प्राथमिक उपचार केंद्र, 50 एंबुलेंस और आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक चिकित्सा इकाइयां स्थापित की जा रही हैं, जिससे किसी भी आपात स्थिति में त्वरित चिकित्सा सहायता मिल सके।

लोक संस्कृति, दुर्लभ पांडुलिपियां और ऐतिहासिक अभिलेख होंगे आकर्षण

इस वर्ष पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से लोकनृत्य, लोकनाट्य, भजन-कीर्तन, रामलीला और प्रदेश की समृद्ध कला-संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही 19वीं और 20वीं शताब्दी के प्रारंभिक माघ मेलों से जुड़े लोक अभिलेखों, प्रशासनिक दस्तावेजों और सनातन परंपरा व अध्यात्म से संबंधित दुर्लभ पांडुलिपियों की प्रदर्शनी भी श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण होगी।

समन्वय और संवेदनशील प्रशासन पर जोर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ समयबद्ध ढंग से कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि माघ मेला-2026 ऐसा आयोजन बने, जिसमें आस्था, सुरक्षा, स्वच्छता, नवाचार और संवेदनशील प्रशासन का संतुलित और प्रभावी स्वरूप पूरे देश और दुनिया को दिखाई दे।

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