उत्तर प्रदेश में कोडीन कफ सिरप की अवैध बिक्री और तस्करी के खिलाफ योगी सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश पर पूरे मामले की गहन जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित कर दी गई है।
FSDA के साथ मिलकर राज्यभर में सख्त कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के डीजीपी राजीव कृष्ण ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर अवैध कफ सिरप नेटवर्क के खिलाफ जारी अभियान की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि FSDA (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) के साथ मिलकर पूरे राज्य में सख़्त छापेमारी चल रही है और इस रैकेट के तार कई राज्यों तक जुड़े पाए गए हैं।
अब तक:
- 128 FIR दर्ज
- 32 आरोपी गिरफ्तार
- 1 ट्रक सोनभद्र में जब्त
- 4 ट्रक गाजियाबाद में पकड़े गए
- 5 बड़े स्टॉकिस्ट में से 3 गिरफ्तार
सोनभद्र, रांची और गाजियाबाद से कई गिरफ्तारियां
अवैध ड्रग नेटवर्क के खिलाफ अभियान के दौरान सोनभद्र, रांची और गाजियाबाद से कई तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपियों- सौरभ त्यागी, भोला जायसवाल और विभोर राणा-को भी धर दबोचा गया है। पुलिस का कहना है कि यह पूरा गिरोह बड़े पैमाने पर कफ सिरप की कालाबाजारी कर रहा था।
MP की जानकारी के आधार पर भी हो रही जांच
डीजीपी ने बताया कि जांच में मध्य प्रदेश से प्राप्त सूचनाओं का भी उपयोग किया जा रहा है, हालांकि अभी तक एमपी के सिरप का इस केस से कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया है। प्रदेशभर के 40 जिलों में थोक विक्रेताओं की गतिविधियों की जांच तेज कर दी गई है, ताकि सप्लाई चेन के हर स्तर पर शामिल लोगों को पकड़कर नेटवर्क को पूरी तरह तहस-नहस किया जा सके।
ड्रग माफिया पर अब तक की सबसे बड़ी चोट
UP पुलिस और FSDA की यह संयुक्त कार्रवाई नशे के कारोबार पर अब तक की सबसे बड़ी चोट मानी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, इस ड्रग नेटवर्क से जुड़े और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। सरकार ने साफ लहजे में कह दिया है कि अवैध ड्रग्स, तस्करी और नशे के कारोबार को पूरी तरह समाप्त करना ही उनका लक्ष्य है और इस दिशा में कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।

