स्ट्रोक के मामले में रोकथाम ही इलाज

आज स्ट्रोक सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि 20–40 वर्ष के युवाओं में भी तेजी से बढ़ रहा है। बिगड़ी जीवनशैली, तनाव, नींद की कमी, नशा और जेनेटिक कारण इस खतरे को बढ़ाते हैं। अच्छी बात है कि सही आदतों से स्ट्रोक को रोका जा सकता है।

1. युवाओं में स्ट्रोक के मामले बढ़ रहे हैं  पहले स्ट्रोक बुजुर्गों में अधिक होता था, लेकिन अब युवा भी इससे प्रभावित हो रहे हैं।

2. शुरुआती संकेत  शरीर के एक हिस्से में कमजोरी, चेहरे पर तिरछापन, बोलने में परेशानी—ये लक्षण नज़रअंदाज़ न करें।

3. गलत जीवनशैली  मुख्य कारण घंटों बैठना, खराब खानपान, मोटापा, तनाव, हाई BP और डायबिटीज स्ट्रोक के बड़े कारण हैं।

4. नींद और नशे की आदतें भी नुकसानदायक  नींद की कमी और शराब-सिगरेट जैसी आदतें स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ाती हैं।

5. जेनेटिक और हार्ट से जुड़े कारण  खून के थक्के जमने की जेनेटिक समस्या, नसों का फटना और दिल की जन्मजात बीमारी (PFO) भी वजह बनती है।

6. टेस्ट और स्कैनिंग से बचाव  संभव जेनेटिक टेस्ट, हार्ट स्कैनिंग और शुरुआती जांच से जोखिम को पहले पहचानकर रोका जा सकता है।

7. रोकथाम ही सबसे बड़ा इलाज  नियमित चेकअप, संतुलित आहार, व्यायाम, BP व शुगर कंट्रोल रखने से स्ट्रोक से बचाव संभव है।

8. युवाओं के लिए चेतावनी  दिमाग और दिल की सेहत पर बचपन से ध्यान देना ज़रूरी—तभी स्ट्रोक का खतरा कम होगा।

यह लेख केवल जानकारी के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श लें।

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