गुरु गोविंद सिंह की 10 अनमोल बातें

ABHINAV TIWARI

गुरु गोविंद सिंह का जन्म पटना साहिब में हुआ था। 7 अक्टूबर1708 को वे मुगलों से लड़ाई करते हुए शहीद हो गए थे। पटना साहिब में आज भी उनकी याद में खूबसूरत पटना साहिब गुरुद्वारा मौजूद है। 

गुरु गोविंद सिंह जी ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की। वे सिखों के 10वें गुरू हैं।

गुरु गोविंद सिंह की 10 खास बातें

धरम दी किरत करनी

अपनी जीविका यापन के लिए ईमानदारी पूर्वक काम करते हुए चलें।

दसवंड देना

आप अपने कमाई का दसवां हिस्सा दान में दें।

गुरुबानी कंठ करनी

गुरुबानी को कंठस्थ कर लें।

काम करन विच दरीदार नहीं करना

काम के दौराम खुब मेहनत करें और अपने काम को लेकर किसी भी प्रकार की कोताही न बरतें।

धन, जवानी, तै कुल जात दा अभिमान न करना

अपने धन, अपने जवानी, जाति और कुल को लेकर घमंडी नहीं होना चाहिए।

दुश्मन नाल साम, दाम, भेद आदि के उपाय वर्तने अते अपरांत युद्ध करना

दुश्मन से भिड़ने पर पहले साम, दाम, दंड और भेद का सहारा लें और अंत में ही आमने-सामने के युद्ध में पड़ें।

किसी दि निंदा, चुगली और ईर्ष्या नै करना 

किसी भी व्यक्ति की चुगली या निंदा करने से बचना चाहिए और किसी से ईर्ष्या करने के बजाय मेहनत पर बल दें।

परदेशी, दुखी, अपंग, मानुख दि यथाशक्ति सेवा करनी

किसी भी विदेशी नागरिक, दुखी व्यक्ति , विकलांग व जरूरतमंद शख्स की मदद जरूर करें।

बचन करकै पालना

आपने जो भी वादे या वचन किसी व्यक्ति से किए हैं उन वादों पर खरा उतरने की कोशिश करनी चाहिए।

शस्त्र विद्या अतै घोड़े दी सवारी दा अभ्यास करना

खुद को सुरक्षित रखने के लिए शारीरिक सौष्ठव, हथियार चलाने और घुड़सवारी की प्रैक्टिस जरूर करनी चाहिए। 

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