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UP News: यूपी के महोबा में यूरिया संकट से हाहाकार

रबी सीजन की शुरुआत के साथ ही महोबा जिले में यूरिया खाद की कमी किसानों के लिए गंभीर समस्या बन गई है। गुरुवार को जैतपुर सहकारी समिति में हालात तब बिगड़ गए जब सुबह से लाइन में लगे हजारों किसानों को शाम तक पर्याप्त यूरिया नहीं मिल सका। लगभग डेढ़ हजार किसानों के मुकाबले सिर्फ 500 बोरी यूरिया आने पर भारी हंगामा हुआ और धक्का-मुक्की व मारपीट तक की नौबत पहुंच गई।

सुबह 6 बजे से लगी लाइनें, शाम तक मायूस लौटे किसान

जैतपुर सहकारी संघ पूर्ति भंडार लिमिटेड पर किसानों की लंबी लाइनें सुबह से ही लग गई थीं। गेहूं, मटर और चना की बुवाई पूरी होने के बाद अब यूरिया की जरूरत बढ़ गई है। लेकिन यूरिया की कम आपूर्ति से किसानों में भारी रोष देखने को मिला।

किसानों का कहना है कि वे सुबह 6 बजे से लाइन में लगे थे, लेकिन शाम तक भी उन्हें खाद नहीं मिल सकी। इतनी कम बोरी आने पर प्रबंधन को कूपन सिस्टम लागू करना पड़ा, इसी दौरान धक्का-मुक्की बढ़ गई और कई किसान आपस में भिड़ गए।

किसानों का आरोप-समय पर सप्लाई नहीं, कालाबाज़ारी हो रही

किसान संतोष ने कहा कि डीएपी किसी तरह मिल गई, लेकिन यूरिया को लेकर रोज परेशान होना पड़ रहा है। किसान धर्मेंद्र सिंह राजपूत और राजबहादुर ने आरोप लगाया कि खाद की कालाबाज़ारी हो रही है और ठेकेदार समय पर स्टॉक उपलब्ध नहीं करा रहे। उनका कहना है कि अगर यही हाल रहा तो रबी सीजन की फसलों पर सीधा असर पड़ेगा। वहीं किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल के शुरुआती विकास के लिए यूरिया अनिवार्य है, ऐसे में देरी बेहद नुकसानदेह है। उन्होंने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

प्रशासन बोला-कमी नहीं, सप्लाई में समय लग रहा

सहायक निबंधक ने जिल में यूरिया की कमी से इनकार किया है। उनका कहना है कि ठेकेदार महेश पाँच ट्रकों के माध्यम से 52 गोदामों तक यूरिया पहुंचा रहा है, इसलिए वितरण में समय लग रहा है। अधिकारियों के अनुसार किसानों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है और जल्द ही पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध हो जाएगा।

फसलों पर पड़ सकता है असर

यूरिया की कमी से पैदा हुई अफरा-तफरी न केवल किसानों की मेहनत को प्रभावित कर रही है बल्कि कृषि उत्पादन पर भी असर डाल सकती है। अगर आपूर्ति प्रणाली जल्द नहीं सुधरी, तो रबी सीजन में किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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