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यूपी जलशक्ति विभाग की 8 साल की ऐतिहासिक उपलब्धियां सदन में पेश

लखनऊ : विधानसभा सत्र के दौरान जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ईमानदारी के साथ गरीबों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार आने से पहले उत्तर प्रदेश को “बीमारू राज्य” कहा जाता था, लेकिन आज अपराध पर अंकुश लगाकर कानून का राज्य स्थापित हो चुका है। मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय जल पुरस्कार मिला है और पिछले आठ वर्षों में राज्य तेज़ी से विकास की ओर बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि यूपी की वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में जलशक्ति विभाग एक स्तंभ की तरह कार्य कर रहा है। बीते आठ वर्षों में विभाग ने ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रदेश में नहरों की कुल लंबाई 76,527 किमी है। 2017 से पहले मात्र 20,000 किमी नहरों की सफाई होती थी, जिससे टेल तक पानी नहीं पहुंच पाता था, जबकि अब 50,000 किमी नहरों की सफाई कर सभी टेल तक पानी पहुंचाया जा रहा है। पहले 9,300 नहरों की टेलों तक पानी पहुंचता था, अब यह संख्या बढ़कर 10,425 हो गई है।

मंत्री ने केन-बेतवा लिंक परियोजना का उल्लेख करते हुए बताया कि यह शुरू हो चुकी है और इससे बांदा, महोबा, ललितपुर, झांसी में लगभग 2.5 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता सृजित होगी। इस परियोजना से 3 लाख किसान लाभान्वित होंगे और 21 लाख की आबादी को पेयजल सुविधा मिलेगी। 2017 के बाद 2,140 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है।

प्रदेश में 8 मुख्य और 58 छोटी नदियां हैं। बाढ़ से बचाव के लिए 523 तटबंध निर्मित किए गए हैं, जिनकी लंबाई 3,869 किमी है, जिससे 22.49 लाख हेक्टेयर भूमि को सुरक्षा मिली है। पिछले आठ वर्षों में बाढ़ नियंत्रण में महत्वपूर्ण सफलता हासिल हुई है।

ड्रेजिंग के माध्यम से प्रयागराज, गोंडा, बलरामपुर, गोरखपुर, महराजगंज, बहराइच, बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, अयोध्या, बलिया और कुशीनगर की नदियों का चैनलाइजेशन कराया गया है। विशेष रूप से महराजगंज में छोटी गंडक नदी की सफाई कर 22 गांवों की 915 हेक्टेयर कृषि भूमि और 48,000 की आबादी को सुरक्षित किया गया। मंत्री ने कहा कि ये प्रयास प्रदेश के जल संसाधनों के संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।

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