उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी 75 जिलों में सर्किल रेट यानी जमीन की न्यूनतम दर बढ़ाने की योजना बनाई है। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने जिलों से तीन माह के भीतर प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। यह कदम राजस्व में वृद्धि, कालेधन पर रोकथाम और किसानों को अधिक मुआवजा दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
नौ वर्षों से स्थिर हैं सर्किल रेट, अब होगी बड़ी बढ़ोतरी
प्रदेश के कई जिलों में 2015 से सर्किल रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। लखनऊ जैसे प्रमुख जिलों में भी दरें वर्षों से यथावत हैं, जबकि बाजार मूल्य और सरकारी रेट में भारी अंतर आ चुका है। कई स्थानों पर यह अंतर दोगुने से भी ज्यादा है। अब सरकार इस असंतुलन को दूर करना चाहती है।
किसानों को अधिग्रहण पर मिलेगा ज्यादा मुआवजा
नए सर्किल रेट लागू होने से जमीन अधिग्रहण के मामलों में किसानों को चार गुना तक मुआवजा मिलेगा।
- शहरी क्षेत्रों में मुआवजा राशि सर्किल रेट के आधार पर दोगुनी होती है।
- इससे सड़क चौड़ीकरण या अन्य परियोजनाओं में जिनकी संपत्ति ली जाती है, उन्हें उचित और पारदर्शी मुआवजा मिल सकेगा।
कालेधन पर लगेगा अंकुश, पारदर्शी होंगी रजिस्ट्री
रियल एस्टेट में अक्सर वास्तविक कीमत और सर्किल रेट के बीच का अंतर कालेधन की खपत को बढ़ावा देता है। सर्किल रेट बढ़ने से यह अंतर घटेगा, जिससे कालेधन का प्रवाह नियंत्रित होगा और रजिस्ट्री में पारदर्शिता आएगी।
राजस्व में 20% वृद्धि की उम्मीद, 45 हजार करोड़ पहुंच सकती है आय
स्टांप और निबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार:
- पिछले आठ वर्षों में बिना सर्किल रेट बढ़ाए ही विभाग की आय तीन गुना तक बढ़ी है।
- वर्ष 2024-25 में विभाग ने 38,000 करोड़ रुपये की आय अर्जित की।
- नए रेट लागू होने के बाद यह आंकड़ा 45,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है, जो 20% से अधिक की वृद्धि होगी।
ग्रामीण और शहरी, दोनों को होगा फायदा
यह फैसला सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं है। ग्रामीण इलाकों में भी जहां विकास परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण किया जाता है, वहां किसानों को बेहतर मूल्य मिल सकेगा। साथ ही, यह कदम गांवों में भी आर्थिक जागरूकता और संपत्ति के वास्तविक मूल्यांकन को बढ़ावा देगा।
पारदर्शिता, न्याय और राजस्व का संतुलित कदम
उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला बहुआयामी प्रभाव वाला है। इससे
- किसानों को न्याय मिलेगा
- सरकारी आय बढ़ेगी
- कालेधन पर नियंत्रण लगेगा
- और संपत्ति बाजार अधिक पारदर्शी बनेगा
अगले तीन महीने में इस नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा, जिससे प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक संरचना पर सकारात्मक असर देखने को मिलेगा।