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Etawah: इटावा में कथावाचक विवाद के बाद बेकाबू हुआ माहौल, पुलिस पर पथराव, कई गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में एक कथावाचक से जुड़े विवाद ने रविवार को हिंसक रूप ले लिया। मामला उस समय गरमा गया जब कथावाचक मुकुट मणि और एक अन्य के खिलाफ फर्जी आधार कार्ड बनाने और अपनी जाति छिपाकर लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में पुलिस ने सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। SSP इटावा के निर्देश पर देर रात मुकदमा दर्ज होने के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

इसके विरोध में बड़ी संख्या में अहीर रेजिमेंट और यादव समाज के लोग इटावा के बकेवर थाने के बाहर जुट गए और प्रदर्शन शुरू कर दिया। जैसे-जैसे भीड़ बढ़ी, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को थाने से हटाने का प्रयास किया। इससे नाराज होकर प्रदर्शनकारी राष्ट्रीय राजमार्ग-2 (NH-2) पर पहुंच गए और रोड को जाम करने की कोशिश की। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने बल प्रयोग कर भीड़ को हटाया।

इसके बाद प्रदर्शनकारियों का एक हिस्सा दाँदरपुर गांव की ओर बढ़ गया, जहां भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इस हमले में महेवा चौकी की सूमो गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और उसका शीशा टूट गया। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस ने पिस्टल से हवाई फायरिंग कर भीड़ को तितर-बितर किया। फिलहाल क्षेत्र में तनाव बना हुआ है।

घटना की जानकारी मिलते ही इटावा के SP देहात, CO और भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पूरे दाँदरपुर गांव और आसपास के क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस ने चप्पे-चप्पे पर कड़ी निगरानी रखते हुए हालात पर नियंत्रण करने की कोशिशें तेज कर दी हैं।

पुलिस ने साफ किया है कि उपद्रव करने, पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़, पुलिस बल पर पथराव और NH-2 को बाधित करने की घटनाओं को गंभीरता से लिया गया है। इस संबंध में सुसंगत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अब तक करीब दो दर्जन उपद्रवियों को मौके से गिरफ्तार किया गया है और बाकी की पहचान के लिए वीडियो फुटेज और अन्य साक्ष्यों की जांच की जा रही है।

यह पूरी घटना इटावा में कानून-व्यवस्था के लिहाज से बड़ा चुनौतीपूर्ण बन गई है। पुलिस का कहना है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए प्रशासन पूरी सतर्कता से जुटा हुआ है। वहीं, स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की गई है।

यह घटना एक बार फिर उत्तर प्रदेश में जातीय तनाव और भावनात्मक मुद्दों के इर्द-गिर्द प्रशासन की सतर्कता को दर्शाती है। प्रशासन अब इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी में जुटा है।

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