उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में नवनिर्मित कौटिल्य भवन का लोकार्पण किया और उसका निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 118 कंप्यूटर किट वितरित कर आंगनबाड़ी केंद्रों में डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम पहल की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालय केवल अकादमिक परंपराओं के वाहक नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी निभाने में भी अग्रणी हैं।
राज्यपाल ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों को कंप्यूटर किट प्रदान करना एक संवेदनशील और दूरदर्शी कदम है, जिससे बाल विकास की नींव और अधिक मजबूत होगी। उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों से अपील की कि वे इन केंद्रों पर जाकर कंप्यूटर स्थापित करें और वहां कार्यरत महिलाओं को उसका संचालन सिखाएं। साथ ही बच्चों को भी प्रारंभिक डिजिटल शिक्षा देने की बात कही, ताकि तकनीक के प्रति उनकी समझ बचपन से ही विकसित हो सके।
राज्यपाल ने यह भी सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय के आईटी विभाग के विद्यार्थी संस्कार, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, नैतिक शिक्षा जैसे विषयों पर बालमैत्री और पाठ्यक्रम-संगत शैक्षिक वीडियो बनाएं, जो आंगनबाड़ी केंद्रों में दिखाए जा सकें। उन्होंने नोएडा क्षेत्र की आंगनबाड़ियों में पहले से जारी इसी तरह की सफल पहल का उदाहरण देते हुए कहा कि बच्चों में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है।
अपने संबोधन में उन्होंने उच्च शिक्षा में हो रहे व्यापक परिवर्तन का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में नए विश्वविद्यालयों की स्थापना हो रही है ताकि हर वर्ग तक उच्च शिक्षा पहुंचे। उन्होंने सीमावर्ती जिलों के अपने दौरों का जिक्र करते हुए बताया कि अब देश के दूरस्थ इलाकों में भी शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी जैसी सुविधाएं पहुंच रही हैं, जो सरकार के समावेशी विकास के संकल्प को दर्शाता है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के 18 विश्वविद्यालयों को नैक ग्रेडिंग मिल चुकी है और कई विश्वविद्यालय एनआईआरएफ रैंकिंग में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने विश्वविद्यालयों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने की आवश्यकता जताई, ताकि भारत का शिक्षा तंत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत हो सके।
राज्यपाल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय गुजरात के विद्यार्थियों द्वारा किया गया साहसिक और अभिनव कार्य प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि युवाओं को तकनीकी दक्षता, नवाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए तैयार करना विश्वविद्यालयों की प्राथमिकता होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो रहे तेज़ विकास का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब अत्याधुनिक शस्त्रों का निर्माण कर रहा है और उन्हें विदेशों में निर्यात भी कर रहा है। उत्तर प्रदेश में स्थापित हो रहे डिफेंस कॉरिडोर और लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम का निर्माण इसकी मिसाल है।
राज्यपाल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सकारात्मक उपयोग पर बल देते हुए विद्यार्थियों को शोध और नवाचार में इसका उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि एआई का प्रयोग मानव कल्याण और सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए होना चाहिए।