पिछले दो दिनों से सूबे के कई जिलों में बारिश हो रही है। भारी बारिश की अशंका को देखते हुए कई जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। बारिश होने से गर्मी से तो राहत मिली लेकिन कई जगह पर परेशानी भी खड़ी हुई। मेरठ के हस्तिनापुर और चांदपुर से बिजनौर की सीमाओं से साथ अन्य कई जिलों को आपस में जोड़ने वाले क्षेत्र के भीमकुंड गंगा पुल की एप्रोच रोड बह गई। मानसूनी बारिश होने की वजह से गंगा का जल स्तर बढ़ गया। जिससे रोड बहकर गंगा में समाहित हो गया।
पुल का संपर्क मार्ग बहने से आवागमन बंद हो गया। जिसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया है। उचित कटान प्रबंधन नहीं होने की वजह से ऐसा हुआ है। आज भोर में चार बजे रोड गंगा मिल बह गई। रोड के गंगा में बह जाने की वजह से आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है। हैरानी तो इस बात की है कि भारी वाहन को रोकने के लिए प्रशासन की तरफ से कोई इंतजाम नहीं किया गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल का संपर्क मार्ग टूट चुका है, संभल कर चलें। जबकि दूसरी ओर ग्रामीणों का कहना है कि पिछले साल भी जुलाई महीने में संपर्क मार्ग टूटा था। जो पिछले छह महीनों तक दुरुस्त नहीं कराया गया था। ग्रामीणों ने बताया कि एक साल बाद गंगापुल को जोड़ने वाले एप्रोच रोड को दुरुस्त कराया गया, जिसका काम दो दिन पहले ही पूरा हुआ था। लेकिन मानसूनी बारिश से यह भी बह गया।
शनिवार को मानसूनी बारिश शुरू हुई तो गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा। जलस्तर बढ़ने की वजह से एप्रोच रोड फिर से कटान शुरू हो गई और रोड बहकर गंगा में चला गया। जिससे क्षेत्र को लोगों ने जमकर हंगामा किया। मामले की जानकारी पीडब्ल्यूडी विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई। लेकिन सब लोगों ने गाइड बांध की मजबूरी बताई।
पीडब्ल्यूडी विभाग की लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शुक्रवार को काम पूरा और सोमवार को रोड बह गया। अगर वक्त रहते इस संपर्क मार्ग की सुध नहीं ली गई होती तो शायद रोड गंगा में न बहता और आवागमन भी बाधित न होता।
बिजनौर से संवाददाता रोहित कुमार की रिपोर्ट।