नोएडा के सेक्टर-143B में स्थित सिक्का कर्णम ग्रीन्स प्रोजेक्ट के लगभग 1000 बायर्स के लिए राहत भरी खबर है। नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने सिक्का इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को राज्य सरकार की “रुकी हुई परियोजनाएं नीति” के तहत लाभ बहाल करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। हालांकि यह राहत तभी लागू होगी जब बिल्डर अपनी लंबित पुनरीक्षण याचिका राज्य सरकार से वापस लेगा।
प्राधिकरण ने पहले रद्द किए थे सभी लाभ, अब मिली सशर्त मंजूरी
बकाया और देरी को लेकर पहले प्राधिकरण ने — सिक्का को दिए सभी लाभ रद्द कर दिए थे| 252 करोड़ रुपए की वसूली के लिए आरसी (Recovery Certificate) जारी की थी| अब यदि बिल्डर शर्तें पूरी करता है तो — आरसी वापस ली जाएगी और स्वामी इन्वेस्टमेंट फंड के पक्ष में फिर से मॉर्गेज (PTM) परमिशन दी जाएगी| इससे बिल्डर को केंद्र सरकार समर्थित SWAMIH Stress Fund से फंडिंग मिल सकेगी और प्रोजेक्ट को पूरा करने का रास्ता खुलेगा।
111 फ्लैट और दुकानों को गारंटी के रूप में दिया गया
बकाया सुरक्षा के रूप में —
- सिक्का ने 111 बिना बिके फ्लैट और दुकानों को प्राधिकरण को सौंपा है
- कुल मूल्य — 252 करोड़ रुपए
- इनमें से 31 यूनिट सील की जा चुकी हैं
- बाकी 80 को सील करने की प्रक्रिया जारी है
- कंपनी का कहना है — “पीटीएम की मंजूरी मिलने पर ही स्वामी फंड लोन जारी कर पाएगा।”
प्रोजेक्ट की स्थिति
- कुल भूमि: 36,851 वर्गमीटर
- स्वीकृत फ्लैट: 1,351
- अब तक बने फ्लैट: 749
- 2019 में 3 टावरों को आंशिक ओसी मिली थी
- अधूरी परियोजना के चलते सैकड़ों बायर्स सालों से कब्जे के इंतजार में हैं।
- ‘लेगेसी पॉलिसी’ के तहत मिली थी पहले राहत, पर बिल्डर फेल|
- राज्य सरकार की 21 दिसंबर 2023 की “स्टॉल्ड लेगेसी प्रोजेक्ट पॉलिसी” के तहत बिल्डरों को बड़ी राहत दी गई थी —कुल बकाया का 25% तुरंत देना था|
शेष 2 वर्षों में
- सिक्का का बकाया: 208 करोड़ रुपए
- तुरंत जमा करना था: 52 करोड़
- जमा किए: सिर्फ 4 करोड़ रुपए
इस वजह से पहले प्राधिकरण ने सख्ती बढ़ाई थी।
अधिकारियों का बयान
प्राधिकरण अधिकारियों के अनुसार — “यह फैसला बायर्स के हित को ध्यान में रखकर लिया गया है। वित्तीय सुरक्षा बनाए रखते हुए बिल्डर को आखिरी अवसर दिया जा रहा है।” यह कदम नोएडा की अन्य रुकी हुई परियोजनाओं के लिए भी एक मिसाल बन सकता है।
बायर्स के लिए इसका मतलब
अगर शर्तें पूरी हुईं तो —
- SWAMIH फंड से फंड जारी होगा
- निर्माण फिर से शुरू होगा
- अधूरी टावरों को पूरा करने की प्रक्रिया में तेजी आएगी
- करीब 1000 बायर्स को कब्जा मिलने का रास्ता साफ होगा

