लखनऊ में गुरुवार को प्रो राजेन्द्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय, प्रयागराज के कुलपति के नेतृत्व में विश्वविद्यालय की टीम ने राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल से भेंट कर नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (NAAC) द्वारा विश्वविद्यालय को प्रथम प्रयास में ही ए ग्रेड मिलने पर आभार व्यक्त किया। इस दौरान राज्यपाल और विश्वविद्यालय प्रतिनिधियों के बीच इस उपलब्धि की तैयारी, व्यक्तिगत अनुभव, चुनौतियाँ, लाभ और भविष्य की रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा हुई। प्रतिनिधियों ने बताया कि इस प्रक्रिया ने उन्हें संस्थागत सुधार और शैक्षिक गुणवत्ता मापने की दृष्टि विकसित करने में मदद की। साथ ही भविष्य में सर्वोच्च ग्रेडिंग हासिल करने के लिए जरूरी कदमों पर भी विचार किया गया।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की टीम को ए ग्रेड मिलने पर बधाई दी और कहा कि यह सफलता निश्चित ही प्रशंसनीय है, पर अब सभी को और अधिक समर्पण और मेहनत से काम करते हुए विश्वविद्यालय को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाना होगा। उन्होंने विश्वविद्यालय को शोध और प्रकाशन की दिशा में और अधिक सक्रिय होने के निर्देश दिए। कार्य मूल्यांकन को सुदृढ़ करने, उसकी समय-समय पर समीक्षा करने और आवश्यकतानुसार उसमें सुधार करने पर भी जोर दिया।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) की तैयारी भी जल्द शुरू करने को कहा। साथ ही क्यूएस एशिया और वर्ल्ड रैंकिंग के मानकों के अनुरूप काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यदि वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर डेटा को सुव्यवस्थित रखा जाए, तो मूल्यांकन की प्रक्रिया काफी सरल हो सकती है।उन्होंने सभी राज्य विश्वविद्यालयों को जोड़कर आपसी अनुभव साझा करने और समग्र गुणवत्ता सुधारने की बात कही। एनआईआरएफ जैसी रैंकिंग में परसेप्शन की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों में विश्वास और सहयोग का माहौल बनाना जरूरी है।
राज्यपाल ने मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग को बढ़ाने की जरूरत बताई और कहा कि विद्यार्थियों को राजभवन की गतिविधियों से जोड़कर उनमें नेतृत्व, प्रशासन और सेवा-भाव का विकास किया जाए। उन्होंने कहा कि सुनियोजित योजना बनाकर काम किया जाए तो नतीजे और बेहतर होंगे। विद्यार्थियों को सह-पाठ्यक्रमीय और रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करने की भी बात कही, जिससे उनके ज्ञान, अनुभव और व्यवहारिक दक्षता में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि संस्कार, संयम और व्यावहारिक ज्ञान भी छात्र जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं, ताकि वे जीवन के हर क्षेत्र में राष्ट्रभावना के साथ योगदान दे सकें।
राज्यपाल ने गोवा में हाल ही में आयोजित शैक्षिक बैठक का जिक्र करते हुए बताया कि इस बैठक में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, और सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर हुए जिनका सीधा लाभ उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों को मिलेगा। यह सहयोग वैश्विक मंच पर प्रदेश के विश्वविद्यालयों की स्थिति मजबूत करेगा।
उन्होंने अहमदाबाद स्थित रक्षा विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि वहाँ के छात्र ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों में अनुकरणीय काम कर रहे हैं, जो अन्य विश्वविद्यालयों के लिए भी प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा कि हमें उनसे सीखकर अपने विद्यार्थियों में भी राष्ट्रसेवा की भावना विकसित करनी चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परिश्रम और समर्पण की मिसाल हैं, जो पूरे देश को एक परिवार मानकर काम करते हैं। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए सभी को भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के अभियान में सशक्त योगदान देना हो