वाराणसी, जो कि आदियोगी महादेव की नगरी के रूप में विख्यात है, में सावन के पहले सोमवार को भक्तों की अपार भीड़ उमड़ी। सुबह से ही बाबा विश्वनाथ मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गईं। मंगला आरती के बाद मंदिर के दरवाजे भक्तों के लिए खोल दिए गए, और पूरा परिसर हर हर महादेव तथा बोल बम के जयकारों से गूंज उठा।
जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल और मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्रा ने श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा कर उनका हार्दिक स्वागत किया। भक्तों के लिए छह प्रमुख द्वार खोले गए ताकि दर्शन में किसी भी तरह की बाधा न आए। प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए, जिसमें बैरिकेटिंग के जरिए श्रद्धालुओं को कतारबद्ध तरीके से दर्शन की अनुमति दी गई।
इस वर्ष गंगा नदी का जल स्तर बढ़ा होने के कारण गंगा में विशेष बैरिकेटिंग की गई है। प्रशासन ने कांवड़ यात्रियों और श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे केवल बैरिकेटिंग के अंदर ही स्नान करें, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। जल पुलिस, एनडीआरएफ और पुलिस के जवान पूरे क्षेत्र में तैनात हैं और ड्रोन कैमरे व सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से श्रद्धालुओं की निगरानी की जा रही है।
प्रयागराज से आने वाले कांवड़ियों की सुविधा के लिए हर 5 किलोमीटर पर पुलिस चौकियां स्थापित की गई हैं, जहां वे विश्राम कर सकते हैं। बाबा विश्वनाथ मंदिर के आसपास का क्षेत्र नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है, जिससे भीड़ नियंत्रण में मदद मिलेगी और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल, एडीसीपी सरवणन टी तथा एसीपी डॉक्टर अतुल अंजान त्रिपाठी भी मौके पर मौजूद रहे और व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
सावन के इस पहले सोमवार को हुई धार्मिक संध्या न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि प्रशासन की प्रभावी तैयारी और सुरक्षा प्रबंधन का भी परिचायक है। इस आयोजन से यह स्पष्ट हुआ कि वाराणसी में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है ताकि यह महोत्सव शांति और समरसता के साथ मनाया जा सके।