नोएडा प्राधिकरण ने बिल्डरों पर सख्ती दिखाते हुए दो बड़े ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट की वित्तीय जांच दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) से कराने का निर्णय लिया है। दोनों बिल्डरों पर कुल 472.55 करोड़ रुपये का भारी-भरकम बकाया है, जिसे जमा कराने के लिए कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन भुगतान नहीं हुआ। इससे पहले भी प्राधिकरण सात बिल्डरों की जांच के लिए ईओडब्ल्यू को पत्र भेज चुका है। अब दो और बिल्डरों की फाइल जांच के लिए भेजी गई है।
केस-1: सेक्टर-50 में टीजीबी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 75.59 करोड़ का बकाया
नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि सेक्टर-50, प्लॉट नंबर F21/C में स्थित ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए 12,750 वर्गमीटर जमीन 26 दिसंबर 2008 को TGB इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित की गई थी।
-
प्राधिकरण ने समय-समय पर बकाया जमा करने के लिए नोटिस भेजे
-
बिल्डर की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला
-
न ही भुगतान किया गया और न ही अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों का लाभ लिया गया
-
कुल बकाया: ₹75.59 करोड़
फंड का भारी दुरुपयोग और भुगतान न करने पर प्राधिकरण ने अब इस मामले की वित्तीय जांच EOW से कराने का अनुरोध किया है।
केस-2: सेक्टर-143 में किंडल इंफ्रा हाइट्स पर 396.96 करोड़ का बकाया
दूसरा मामला सेक्टर-143, प्लॉट GS-3B का है, जहां 50,000 वर्गमीटर जमीन 7 जुलाई 2011 को Kindle Infra Heights Ltd. को आवंटित की गई थी।
-
लगातार नोटिस के बावजूद बिल्डर ने बकाया का भुगतान नहीं किया
-
31 नवंबर 2025 तक कुल बकाया बढ़कर ₹396.96 करोड़ हो गया
-
प्राधिकरण ने इस प्रोजेक्ट की भी वित्तीय जांच के लिए EOW को पत्र भेजा है
प्राधिकरण का रुख सख्त, बड़े स्तर पर कार्रवाई की तैयारी
नोएडा प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि बकाया भुगतान में लापरवाही या वित्तीय अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। रियल एस्टेट खरीदारों और लंबित प्रोजेक्टों को देखते हुए, प्राधिकरण तेजी से कठोर कार्रवाई की ओर बढ़ रहा है।

