उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है, वैसे-वैसे हवा में प्रदूषण का स्तर भी खतरनाक रूप से बढ़ता जा रहा है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद जैसे NCR से सटे जिलों में हवा का स्तर AQI 400 के पार पहुंच गया है, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है। शहरों में सुबह से ही धुंध और धुआं छाया हुआ है, जिससे दृश्यता कम और सांस लेना मुश्किल हो गया है।
जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसी हवा फेफड़ों, आंखों और दिल पर गंभीर असर डाल सकती है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा मरीजों के लिए।
नोएडा-गाजियाबाद बने गैस चैंबर
NCR के ये शहर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं—
- नोएडा सेक्टर 125, 116 और सेक्टर 1 में AQI: 390–410
- गाजियाबाद वसुंधरा, इंदिरापुरम, संजय कॉलोनी, लोनी: 400 के आसपास
- ग्रेटर नोएडा: 388
- मेरठ: 332
यानी इन शहरों की हवा अब “सांस लेने लायक नहीं” रह गई है। धुएं और धुंध का मिश्रण दृश्यता को इतना कम कर रहा है कि सूरज की किरणें भी धुंधली नजर आ रही हैं।
स्वास्थ्य पर असर: आंखों में जलन, खांसी, सांस लेने में दिक्कत
तेज प्रदूषण का असर सीधे लोगों के स्वास्थ्य पर दिखाई देने लगा है—
- आंखों में तेज जलन
- सूखी खांसी
- गला खराब
- सांस फूलना
- दमा और दिल के मरीजों की दिक्कत बढ़ना
डॉक्टरों ने सलाह दी है कि—
- घर से निकलते समय N-95 मास्क पहनें
- प्रदूषण के समय सुबह की वॉक से बचें
- दोपहिया चलाते समय चश्मा जरूर लगाएं
- पानी अधिक पिएं और भाप लें
- कई जिलों में तापमान 10 डिग्री से नीचे
- ठंड बढ़ने के साथ वातावरण में नमी और धुंध स्थिर हो गई है, जिससे प्रदूषण और ज्यादा नीचे बैठ रहा है।
- कानपुर: 8.6°C (सबसे ठंडा)
- इटावा, फुर्सतगंज, बरेली, बाराबंकी: न्यूनतम तापमान 10°C से नीचे
मौसम विभाग का अनुमान है कि 17 नवंबर के बाद कोहरे में थोड़ी कमी आएगी, लेकिन मौसम शुष्क रहेगा और हवा की गुणवत्ता में तुरंत सुधार की संभावना कम है।
आगे क्या?
NCR में प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है और हवा ‘गंभीर’ स्तर पर बनी हुई है। प्रशासनिक स्तर पर प्रतिबंध और जांच तेज की जा रही है, लेकिन मौसम और धूल से मिलकर बना यह प्रदूषण अभी कुछ दिनों तक राहत देने वाला नहीं है।

