ग्रेटर नोएडा में पर्यावरण संरक्षण और सीवेज प्रबंधन को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सख्त रुख अपनाया है। प्राधिकरण ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का सही संचालन न करने और ट्रीटेड पानी के उचित उपयोग में लापरवाही बरतने पर 202 बिल्डर सोसाइटियों को नोटिस जारी किया है। सभी सोसाइटियों से एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
संतोषजनक जवाब नहीं तो मौके पर जांच
प्राधिकरण के सीवर विभाग के अनुसार, यदि तय समयसीमा में संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो विभागीय टीम मौके पर जाकर एसटीपी का भौतिक निरीक्षण करेगी। नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित सोसाइटियों पर भारी जुर्माना और आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बीते दो सप्ताह में कार्रवाई करते हुए 6 बिल्डर सोसाइटियों पर कुल 27 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है। इन सभी सोसाइटियों को सात दिनों के भीतर जुर्माने की राशि जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। राशि जमा न करने की स्थिति में और कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
इन सोसाइटियों पर लगाया गया जुर्माना
-
एडाना सोसाइटी, अल्फा-1 – ₹2 लाख
-
पंचशील हाइनिश, सेक्टर-1 – ₹5 लाख
-
गैलेक्सी नॉर्थ एवेन्यू, सेक्टर-4 – ₹5 लाख
-
फ्लोरा हेरिटेज, सेक्टर-1 – ₹5 लाख
-
अरिहंत आर्डन, सेक्टर-1 – ₹5 लाख
-
समृद्धि ग्रांड एवेन्यू, टेकजोन-4 – ₹5 लाख
प्राधिकरण की सख्त चेतावनी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह ने सभी बिल्डर सोसाइटियों से अपील की है कि वे अपने एसटीपी को पूरी क्षमता के साथ संचालित करें और शोधित सीवेज पानी का उपयोग पेड़-पौधों की सिंचाई एवं अन्य गैर-पीने योग्य कार्यों में करें। इससे भूजल संरक्षण के साथ पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।
लगातार मॉनिटरिंग, आगे भी जारी रहेगी कार्रवाई
प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि सीवर विभाग की टीम लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। जो भी सोसाइटियां भविष्य में एसटीपी संचालन में लापरवाही बरतेंगी, उनके खिलाफ न केवल आर्थिक दंड बल्कि कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। प्राधिकरण का कहना है कि यह कदम शहर को स्वच्छ, पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ विकास की दिशा में आगे ले जाने के लिए जरूरी है।

