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Lucknow News: 18 मई से होगी कठौता झील की सफाई, इंदिरानगर-गोमतीनगर में दिखेगा असर

लखनऊ के चिनहट क्षेत्र में स्थित कठौता झील की सफाई अब 18 मई से शुरू की जाएगी। इस सफाई अभियान के दौरान शारदा सहायक नहर को भी एक महीने के लिए बंद कर दिया जाएगा। इसका सीधा असर इंदिरानगर, गोमतीनगर और आसपास के 10 लाख से अधिक लोगों पर पड़ेगा, जहां अगले एक महीने तक पानी की आपूर्ति संकट में रह सकती है।

झील में जमा 6.5 लाख क्यूबिक मीटर बालू-मिट्टी बनी संकट की वजह

कठौता झील, जो शारदा सहायक नहर से पानी प्राप्त करती है, उसकी गहराई लगभग 17 फीट है। लेकिन वर्षों से सफाई न होने के कारण इसमें करीब 6.50 लाख क्यूबिक मीटर बालू और मिट्टी जमा हो गई है, जिससे झील की भंडारण क्षमता काफी हद तक घट गई है। यही कारण है कि गर्मी के मौसम में जुड़े इलाकों में पानी की समस्या और गंभीर हो सकती है।

18 मई से नहर बंद, एक महीने तक चलेगा सफाई अभियान

सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता मुकेश वैश्य ने जानकारी दी है कि 18 मई से एक महीने के लिए शारदा सहायक नहर बंद कर दी जाएगी। इस अवधि में झील के दूसरे हिस्से की गहन सफाई की जाएगी ताकि पानी की स्टोरेज क्षमता दोबारा बहाल हो सके।

जलकल विभाग कर रहा है 14 फीट पानी का स्टोरेज

जलकल महाप्रबंधक कुलदीप सिंह ने बताया कि सफाई के दौरान नागरिकों को पानी की कमी न हो, इसके लिए 14 फीट पानी का स्टोरेज किया जा रहा है। यह संग्रहित पानी अगले एक महीने तक निरंतर आपूर्ति के लिए प्रयाप्त माना जा रहा है।

जनता को परेशानी नहीं होने का दावा, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत

हालांकि अधिकारियों का दावा है कि स्टोरेज किए गए पानी से सप्लाई में कोई रुकावट नहीं आएगी, लेकिन भीषण गर्मी और बढ़ते जल उपभोग के चलते इमरजेंसी प्लान की जरूरत भी महसूस की जा रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि जनता को भी पानी के विवेकपूर्ण इस्तेमाल के लिए जागरूक होना चाहिए।

झील की सफाई जरूरी लेकिन तैयारी पुख्ता होनी चाहिए

कठौता झील की सफाई लंबे समय से लंबित थी, जो अब पूरी तरह से शुरू हो रही है। यह कदम भविष्य की जल संकट से बचाव के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इस प्रक्रिया में जनता की जरूरतों का ध्यान रखना और पानी की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी।

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