Site icon UP की बात

लखनऊ मेट्रो चरण-1बी को मिली मंजूरी, पुराने शहर में बढ़ेगी कनेक्टिविटी

लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के चरण-1बी को मंजूरी दे दी। यह कॉरिडोर 11.165 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें 7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड स्टेशन मिलाकर कुल 12 स्टेशन होंगे। इसके शुरू होने पर लखनऊ में कुल 34 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क संचालित होगा।

बेहतर कनेक्टिविटी
चरण-1बी पुराने लखनऊ के घनी आबादी वाले और ऐतिहासिक क्षेत्रों को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ेगा। इसमें अमीनाबाद, यहियागंज, पांडेयगंज और चौक जैसे प्रमुख व्यावसायिक केंद्र, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी जैसे स्वास्थ्य केंद्र, बड़ा व छोटा इमामबाड़ा, भूल-भुलैया, घंटाघर, रूमी दरवाज़ा जैसे पर्यटक स्थल और प्रसिद्ध खाद्य गलियां शामिल हैं। इससे न केवल कनेक्टिविटी में सुधार होगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियां और पर्यटन भी बढ़ेगा।

यातायात भीड़भाड़ में कमी
मेट्रो नेटवर्क के विस्तार से पुराने लखनऊ के भीड़भाड़ वाले मार्गों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा। सड़क यातायात में कमी से वाहनों की आवाजाही सुगम होगी, यात्रा समय घटेगा और सड़क सुरक्षा में सुधार होगा।

पर्यावरणीय लाभ
मेट्रो के इस्तेमाल से जीवाश्म ईंधन पर आधारित परिवहन पर निर्भरता घटेगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।

आर्थिक विकास
बेहतर कनेक्टिविटी से लोगों के कार्यस्थलों, हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन और बस डिपो तक तेजी से पहुंच संभव होगी, जिससे उत्पादकता बढ़ेगी। नए मेट्रो स्टेशनों के आसपास स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और निवेश आकर्षित होगा, खासकर पहले कम पहुंच वाले क्षेत्रों में।

सामाजिक प्रभाव
चरण-1बी से सभी सामाजिक-आर्थिक वर्गों को बेहतर और न्यायसंगत सार्वजनिक परिवहन सुविधा मिलेगी, जिससे परिवहन असमानताएं घटेंगी और जीवन की गुणवत्ता सुधरेगी।

Exit mobile version